पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़्रीदी क्रिकेट में कम, विवादों में रहना ज़्यादा पसंद करते हैं. क्रिकेट का मैदान हो या फिर उसके बाहर की दुनिया अफ़्रीदी सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए कुछ न कुछ करते ही रहते हैं. पाकिस्तान क्रिकेट टीम से संन्यास के बाद अफ़्रीदी आजकल सोशल मीडिया पर कुछ ज़्यादा ही एक्टिव हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर के हालातों को लेकर अफ़्रीदी के एक विवादित ट्वीट ने हंगामा खड़ा कर दिया है.

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उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर भारत के झंडे के साथ खिंचवाई गई एक फ़ोटो के साथ ट्वीट किया कि ‘हम सबका आदर करते हैं, यह एक खिलाड़ी होने का उदाहरण है. लेकिन जब बात मानव अधिकारों की आती है तो हम चाहेंगे कि हमारे मासूम कश्मीरियों का भी आदर किया जाए.’

इसके बाद अपने दूसरे ट्वीट में कहा ‘भारत अधिकृत कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) की स्थिति बेचैन करने वाली और चिंताजनक है. यहां आत्मनिर्णय और आज़ादी की आवाज़ उठाने वाले मासूमों को मारा जा रहा है. मैं हैरान हूं कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन कहां हैं? वे इस ख़ूनी संघर्ष को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे?’

दरअसल, अफ़्रीदी का ये ट्वीट उस समय आया है जब भारतीय सेना ने बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान के तहत 13 आतंकियों को मार गिराया था. इसी मामले को लेकर अफ़्रीदी ने ट्वीट कर कश्मीर की स्थिति को बेचैन करने वाला बताया और संयुक्त राष्ट्र के साथ ही दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी सवाल खड़े किए थे.

अफ़्रीदी के इस ट्ववीट के बाद ट्विटर पर जवाबों की जंग छिड़ी हुई है. बात जब देश और सेना की हो रही हो और अफ़्रीदी उस पर कोई सवाल उठाये तो क्रिकेटर गौतम गंभीर कहां चुप रहने वाले. गंभीर ने भी ट्वीट कर उनको दे दिया है मुंह तोड़ जवाब.

गंभीर ने ट्वीट में लिखा ‘हमारे कश्मीर और संयुक्त राष्ट्र को लेकर किए गए शाहिद अफ़्रीदी के ट्वीट पर रिएक्शन के लिए मीडिया की ओर से मुझे कई कॉल आये कि इस पर आपका क्या कहना है? अफ़्रीदी को सिर्फ़ UN दिख रहा है, उनकी डिक्शनरी में इसका मतलब Under Nineteen होता है. मीडिया को इसे हल्के में ही लेना चाहिए. क्योंकि अफ़्रीदी नो बॉल पर आउट होने का जश्न मना रहे हैं.

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बता दें कि अफ़्रीदी कश्मीर को लेकर इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. पिछले साल भी उन्होंने ऐसा ही ट्वीट किया था कि ‘कश्मीर पिछले कई दशकों से क्रूरता का शिकार होता आ रहा है. अब वक्त आ गया है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाए, जिसने कई लोगों की जान ली. कश्मीर धरती का स्वर्ग है और हम मासूमों की पुकार को अनदेखा नहीं कर सकते.’