रविवार रात इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे रोमांचक मुक़ाबला खेला गया. जीत कभी इंग्लैंड तो कभी न्यूज़ीलैंड के पक्ष में जाती देख फ़ैंस की धड़कनें तेज़ हो रही थी. मैच इतना रोमांचक हो गया कि ये सुपर ओवर तक जा पहुंचा. हद तो तब हो गई जब नाटकीय अंदाज़ में सुपर ओवर भी टाई रहा.

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धड़कनें तेज़ कर देने वाले इस मुक़ाबले का टर्निंग पॉइंट था मैच के 50वें ओवर में मार्टिन गप्टिल का वो थ्रो, जिसने पूरे मैच की कहानी बदलकर रख दी.

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इंग्लैंड को अंतिम 3 गेंदों पर जीत के लिए 9 रनों की दरकार थी. इसके बाद अगली गेंद पर स्टोक्स ने जोरदार शॉट लगाया और दो रन के लिए दौड़ पड़े. दूसरा रन लेते वक्त मार्टिन गप्टिल ने रन आउट करने के लिए थ्रो किया और स्टोक्स ने क्रीज़ में पहुंचने के लिए छलांग लगाई. इसी दौरान गेंद उनके हाथ पर लगकर बाउंड्री के पार चली गई.

अब इस मामले में बेन स्टोक्स ने न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन से माफ़ी मांगी है: 

न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में पैदा हुए स्टोक्स ने कहा ‘मैच बेहद रोमांचक था, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता. अफ़सोस कि आख़िरी ओवर में गेंद मेरे बैट से लगकर चौके के लिए चली गई. इसके बाद मैंने विलियम्सन से इसके लिए माफ़ी भी मांगी थी, क्योंकि वो सब मैंने जानबूझकर नहीं किया था. इसके लिए मैं ज़िंदगी भर मांगी मांगता रहूंगा’.

हालांकि, मैच के बाद न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने दुःख जताते हुए कहा, ‘मैच के उस मोड़ पर इस तरह से अतिरिक्त रन जाने से मैं बेहद दुखी हूं. मैं चाहता हूं कि किसी भी अहम मुक़ाबले में फिर ऐसा न हो’.

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सेमीफ़ाइनल में भारत के ख़िलाफ़ शानदार जीत और फ़ाइनल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ रोमांचक मुक़ाबले को लेकर क्रिकेट फ़ैंस कैप्टन केन की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं. इतने कम टोटल के बावजूद कैप्टन केन ने अपनी शानदार कप्तानी से भारत और इंग्लैंड जैसी मज़बूत टीमों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था.

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केन विलियम्सन को 578 रन बनाने और शानदार कप्तानी के लिए ‘प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ का ख़िताब दिया गया.