साल 2011 ‘वर्ल्ड कप’ की जीत तो आप सभी को याद ही होगी. श्रीलंका के ख़िलाफ़ फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी ने आख़िर में छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप दिलाया था. 9 साल एक बार फिर से 2011 वर्ल्ड कप की सुनहरी यादें फिर ताज़ा हो गयी हैं.
ये तस्वीर तो आप सभी को याद ही होगी…
वर्ल्ड कप जीत के बाद टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को अपने कंधे पर बिठाकर स्टेडियम के चक्कर लगाए थे. भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन को यादगार विदाई दी थी क्योंकि ये उनका आख़िरी वर्ल्ड कप था.
दरअसल, सचिन तेंदुलकर की इस तस्वीर को ‘लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020’ मिला है, यानि कि 20 साल के खेल इतिहास की सबसे यादगार तस्वीर.
बीते सोमवार को सचिन तेंदुलकर को बर्लिन में ‘लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020’ से सम्मानित किया गया. 2 अप्रैल 2011 को मुंबई में खेले गए फ़ाइनल में जीत के बाद युवा खिलाड़ियों द्वारा सचिन को कंधों पर उठाना खेल इतिहास का सबसे यादगार पल बन जायेगा किसी ने सोचा भी न था. इसी वजह से सचिन तेंदुलकर को ये अवॉर्ड मिला है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
भारतीय क्रिकेट टीम और खासकर सचिन तेंदुलकर के फ़ैंस ने उनके समर्थन में वोट किए, जिससे सचिन इस अवॉर्ड को जीतने में सफ़ल रहे.
बर्लिन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने सचिन तेंदुलकर को ‘लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020’ के विजेता बनने की घोषणा की. जबकि टेनिस दिग्गज बोरिस बेकर ने सचिन को ये ट्रॉफ़ी सौंपी.
I remember feeling so proud, moved & inspired watching @sachin_rt hold the World Cup. The memory has been imprinted in my mind forever! Such a powerful speech. Congratulations Sir. #Laureus20 #SachinTendulkar
— Mayank Agarwal (@mayankcricket) February 18, 2020
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इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा ‘साल 1983 में जब मैं सिर्फ 10 साल का था तब मेरा क्रिकेटिंग सफ़र शुरू हुआ था. तब भारतीय टीम ने कपिल देव की कप्तानी में पहला वर्ल्ड कप जीता था. मैं उस वक़्त ये नहीं समझ पा रहा था कि हो क्या रहा है, लेकिन मैं दोस्तों के साथ एंजॉय कर रहा था. मैं सिर्फ़ इतना ही जानता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ है. एक दिन मैं भी इसका अनुभव करना चाहता था और यहीं से मेरा सफ़र शुरू हुआ.
‘वर्ल्ड कप जीतना मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण व यादगार क्षण था. जिस चमचमाती ट्रॉफ़ी को हासिल करने के लिए मैंने 22 साल तक इंतज़ार किया उसे हाथ में पकड़ना मेरे लिए यादगार था. उस अनुभव को मैं शब्दों मैं बयां नहीं कर सकता. मैं बस अपने देशवासियों लिए एक बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतना चाहता था’.
सचिन तेंदुलकर को ये ख़ास अवॉर्ड जीतने के लिए ढेर सारी शुभकामनायें.