क्रिकेट पार्टनरशिप का खेल है. कोई भी प्लेयर तभी बड़ा बन पाता है, अगर उसने बड़ी पार्टनरशिप बनाई हो. अच्छी पार्टनरशिप एक खिलाड़ी की कमियों को पूरी करती है. उसे लड़खड़ाने से रोकती है और जब लंबे समय तक दो खिलाड़ी पिच पर वक़्त बिताते हैं, तब उनकी दोस्ती ऑफ़ द फ़ील्ड भी गहरी हो जाती है. यही हुआ सौरव गांगुली और राहुल ड्रविड़ के साथ.

दोनों क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की सूची में आते हैं, दोनों को एक बड़े कप्तान को रूप में भी याद किया जाता है. साथ में कई यादगार पारियां खेली हैं. भारत को मैच जितवाए हैं. वर्तमान में दोनों क्रिकेट से जुड़ी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों को निभा रहे हैं. अब मुलाकातें कम हो गई हैं लेकिन जब भी दोनों मिलते हैं, वो गर्मजोशी नहीं जाती.

सौरव गांगुली और राहुल ने एक साथ टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा, 1996 में दोनों ने लॉर्डस में इंग्लैंड के खिलाफ़ पर्दापण किया था. उस मैच के पहली इनिंग में सौरव ने 131 और राहुल ने 95 रन बनाए थे.

सौरव गांगुली

लॉर्डस की बालकनी से मैं राहुल को देख रहा था और चाहता था इसका शतक पूरा हो जाए. मैंने उसे अंडर-15 से खेलते देखा है, रणजी का डेब्यू देखा, टेस्ट का डेब्यू देखा. अच्छा होता अगर उस दिन हम दोनों शतक लगा पाते.

दोनों की एक और यादगार पारी है, जो रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज है. 1999 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के ख़िलाफ़ राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने दूसरे विकेट के लिए 318 रन की पार्टनरशिप की. ये उस वक़्त की ODI की सबसे बड़ी पार्टनरशिप थी.

राहुल आज कोच की भूमिका में अपने पारखी हाथों से अंडर-19 के खिलाड़ियों को तराश रहे और भारत को भविष्य के क्रिकेटर दे रहे हैं. वहीं सौरव गांगुली एक नीतिकार के रूप में क्रिकेट को सही दिशा में ले जा रहे हैं.

इन दो महान खिलाड़ियों की दोस्ती और साझीदारियों पर ICC ने एक वीडियो बनाई है, जिसे आप यहां देख सकते हैं: