कप्तान कूल, देश का सबसे बेहतरीन कप्तान, माही और न जाने किस-किस नाम से लोग महेंद्र सिंह धोनी को जानते हैं. ये एक ऐसा नाम है, जिसे किसी पहचान की ज़रूरत नहीं. क्रिकेट के लिए उनका योगदान शायद कभी भी भुलाया नहीं जाएगा. सचिन क्रिकेट के भगवान हैं, तो धोनी जीत दिलाने वाले देवता से कम नहीं. क्यों? इसका जवाब कोई और नहीं, ख़ुद उनके आंकड़े और रिकॉर्ड बयां करते हैं.

धोनी क्यों हैं देश के बेहतर कप्तान?

अभी तक वन-डे क्रिकेट में कुल 453 कप्तान हुए हैं, लेकिन सिर्फ़ महेंद्र सिंह धोनी ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने सारी ICC ट्रॉफी जीती हैं.

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टेस्ट टीम में भारत को नम्बर-1 टीम बनने का सपना भी धोनी ने ही पूरा किया.

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28 साल बाद भारत ने वन-डे वर्ल्ड कप जीता, कप्तान थे धोनी.

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2011 वर्ल्ड कप से पहले वर्ल्ड कप आयोजन करने वाला देश इस ट्राफ़ी को नहीं जीत पाया था, लेकिन धोनी ने इस भी गलत साबित किया.

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2007 से 2016 तक कप्तान रहे धोनी की कप्तानी ने टीम ने कुल 199 वन-डे मैच खेले, जिसमें 110 में उन्हें जीत, 74 में हार, 4 टाई और 11 बिना रिज़ल्ट के रहे. दुनिया में धोनी का कप्तानी औसत तीसरे नम्बर पर है, उनसे आगे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिग और न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान स्टेफ़न फ़्लेमिंग हैं.

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वन-डे में 7 नम्बर पर बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 2 शतक जड़े हैं, ये इस नम्बर पर बल्लेबाज़ी करने वाले किसी भी बल्लेबाज़ का सबसे अच्छा रिपोर्ट कार्ड है.

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कप्तान कूल के छक्कों के तो हम सब फ़ैन हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कप्तान की भूमिका में सबसे ज़्यादा छक्के धोनी ने ही लगाए हैं. उनके नाम 204 छक्के हैं. उनके पीछे पॉन्टिग हैं, जिन्होंने 171 छक्के लगाए हैं.

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धोनी एक बेहतरीन विकेटकीपर भी हैं, 148 के जादूई आंकडे के साथ वो दुनिया के सबसे ज़्यादा स्टंप करने वाले विकेटकीपर भी हैं.

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एक विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर धोनी के नाम सबसे बड़ा स्कोर भी है. जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ़ लगाया था. 183 रनों की नाबाद पारी उनके फ़ैन्स कभी नहीं भूल सकते.

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70 T-20 में मैच में बिना एक अर्धशतक लगाए, उनके नाम 1112 रन हैं. जो उन्हें दुनिया के किसी भी कप्तान से बिना अर्धशतक लगाए, बनाए रनों में सबसे आगे करता है.

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कप्तान के रूप में धोनी के नाम T-20 मैचों में सबसे ज़्यादा जीत भी है.

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विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए, उन्होंने करीब 9 बार गेंदबाजी की, ये रिकॉर्ड भी कैप्टन कूल के ही नाम है.

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धोनी ने कप्तानी को तो बाय बोल दिया, लेकिन क्या धोनी को कप्तानी बाय बोल पाएगी? क्या फ़ैन उनकी कप्तानी भूल पाएंगे? क्या उनके कड़े और हैरान कर देने वाले फैसले उन्हें बाय बोल पाएंगे? और क्या हम और आप जैसे क्रिकेट फ़ैन उनकी कप्तानी को भूल पाएंगे? जवाब हम सब को पता है, जिसे लिखने की ज़रूरत नहीं. हम सब इतना कह सकते हैं कि Thank You Dhoni, क्रिकेट के उन सपनों को सच करने के लिए जिन्हें हकीक़त बना पाना बस तुम्हें ही आता था.