भारत में जो प्रोफ़ेशन जितना रसूख़दार और लोकप्रिय होता है, उसे अपना वेतन बढ़वाने में उतनी ही कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे वो नेता हो, अभिनेता हो या फिर क्रिकेटर!

पिछले सीज़न (2016-17) के लिए ही बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के वेतन को दोगुना किया था. इसके तहत ग्रेड-ए के खिलाड़ियों के वेतन को एक की जगह दो करोड़ रुपए कर दिया गया था. बाकी के दो ग्रेडों के खिलाड़ियों को भी दोगुना कर ग्रेड बी के लिए एक करोड़ और ग्रेड सी के लिए पचास लाख रुपए किया गया था. लेकिन कप्तान कोहली इससे भी खुश नहीं हैं.

बीसीआई ने पिछले सितंबर में टेलिविजन प्रसारण अधिकारों को लेकर बड़ी डील की है. मीडिया मुगल कहे जाने वाले रूपर्ट मर्डोक के स्टार इंडिया चैनल के साथ 2018 से लेकर 2022 तक के आईपीएल को दिखाने का करार बीसीसीआई ने किया है. इसके तहत चैनल की ओर से बीसीसीआई को 2.5 अरब डॉलर यानि 16000 हज़ार करोड़ की रकम मिलेगी. हालांकि, अधिकारी कहते हैं कि सैलरी बढ़ाने की प्लेयर्स ने सीधे यह वजह नहीं बताई है लेकिन वो चाहते हैं कि उन्हें सम्माजनक रकम मिले.

इस मुद्दे पर विराट कोहली और रवि शास्त्री ने बोर्ड अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखा. सैलरी के साथ क्रिकेटरों के बिजी शेड्यूल पर चर्चा करने के लिए प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कप्तान विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के साथ बैठक की. सीओए ने खिलाड़ियों की सैलरी बढ़ाने की मांग मान ली है. सीओए प्रमुख ने भी बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में इसके संकेत दिए हैं.

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उन्होंने कहा, ‘भविष्य में होने वाले दौरों को लेकर हम उनकी मांग से सहमत हैं, विदेशी दौरे से पहले पर्याप्त समय मिलना चाहिए. जहां तक कॉम्पनसेशन पैकेज की बात है उसमें भी बदलाव किए जाएंगे. हम रेवेन्यू के साथ प्रत्येक खिलाड़ी को मिलने वाली राशि को मिलाकर देखेंगे.’

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि टीम इंडिया 2018 के इंग्लैंड दौरे में अपने पहले मैच से दो हफ्ते पहले रवाना होगी. इससे खिलाड़ियों को वहां के माहौल में ढलने के लिए पूरा समय मिल सकेगा. पिछले हफ़्ते कोहली ने कड़े शेड्यूल को लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराज़गी जाहिर की थी.

पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने राष्ट्रीय टीम के क्रिकेटरों के वेतन में बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए कहा कि खिलाड़ी बीसीसीआई के लगातार बढ़ रहे राजस्व का हिस्सा पाने के हकदार हैं. गांगुली ने कहा, ‘बोर्ड इतना अधिक पैसा बना रहा है तो इसका खिलाड़ियों को भी फ़ायदा मिलना चाहिए. क्रिकेट प्रशासन को खिलाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनका करियर छोटा होता है.

Source: Hindustan Times