महेंद्र सिंह धोनी विकेटकीपर होने के अलावा कप्तान कोहली की हर रणनीति का हिस्सा होते हैं. अक्सर देखा जाता है कि धोनी की हां के बाद ही विराट कोई फ़ैसला ले पाते हैं. ख़ासकर डीआरएस और डेथ ओवरों के दौरान हर मौके पर धोनी से सलाह लेते हुए दिख जाते हैं.

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धोनी सिर्फ़ विकेटकीपिंग और बल्लेबाज़ी के ही नहीं, टाइम मैनेजमेंट के भी पक्के खिलाड़ी माने जाते हैं. समय से पहले मैदान पर पहुंचने को लेकर विराट, शिखर, रोहित, इशांत, कुलदीप और ऋषभ पंत जैसे कई युवा खिलाड़ी धोनी को अपना गुरू मानते हैं.

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टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कोच पैडी ऑप्टन ने हाल ही में अपनी क़िताब ‘द बेयरफ़ुट कोच’ में लिखा कि अनिल कुंबले जब इंडिया के कोच थे, उस वक़्त उन्होंने लेट आने वाले खिलाड़ियों के लिए 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने का सुझाव दिया था. इसके बाद धोनी ने अपने ही अंदाज़ में इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि अगर उनके साथ कोई खिलाड़ी देर से आता है, तो बाकी खिलाड़ियों को भी 10,000 रुपये देने होंगे.

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दरअसल, अनिल कुंबले के इस नियम में बदलाव के पीछे धोनी का असल मकसद ये था कि हर खिलाड़ी टीम और अपने साथी खिलाड़ियों की कमियों को एक साथ लेकर चले. धोनी के इस तरीके ने टीम के कई खिलाड़ियों पर असर डाला था.

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धोनी को यूं ही इस खेल का बादशाह नहीं कहते!