भारत के लिए वैसे तो बहुत सारे महान क्रिकेटरों ने क्रिकेट खेला है, लेकिन आज हम एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें स्पिन गेंदबाजी के ख़िलाफ़ अब तक का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है. इनका नाम था दिलीप सरदेसाई. गोवा से ताल्लुक रखने वाले सरदेसाई भारतीय क्रिकेट टीम में सिलेक्ट होने वाले इकलौते खिलाड़ी थे. कहा जाता है कि उनका बल्ला स्पिनर्स के ख़िलाफ़ ऐसे चलता था जैसे नदी में पानी बह रहा हो. 

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दिलीप सरदेसाई को इसलिए भी महान क्रिकेटर माना जाता है क्योंकि वो न सिर्फ़ स्पिन खेलने के महारथी थे, बल्कि उन्होंने वेस्टइंडीज के उन गेंदबाज़ों की जमकर पिटाई की थी जिनसे पूरी दुनिया ख़ौफ़ खाती थी. उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत इंग्‍लैंड के ख़िलाफ़ 1961 में हुई थी. उस समय वेस्टइंडीज की टीम को दुनिया की सबसे ख़तरनाक टीम माना जाता था, पर दिलीप सरदेसाई ने उसी टीम के ख़िलाफ़ ऐसा कारनामा कर दिखाया था जो आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज़ है.

विदेश में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय

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18 फरवरी, 1971 भारत और वेस्टइंडीज के बीच जमैका में पहला टेस्ट मैच खेला गया. टॉस हारने के बाद टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 36 रन के स्कोर पर तीन विकेट गवां दिए थे. इसके बाद बल्लेबाज़ी करने मैदान पर उतरे दिलीप सरदेसाई. एक छोर को सरदेसाई संभाले हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते जा रहे थे. 75 रन बनाने तक आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी.  

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वहीं सरदेसाई मैदान पर वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ाने में लगे हुए थे. उन्होंने छठे विकेट के लिए एकनाथ सोलकर के साथ मिलकर 137 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जबकि नौवें विकेट के लिए इरापल्ली प्रसन्ना के साथ मिलकर 122 रन की साझेदारी की. इस मैच में सरदेसाई ने 212 रन की शानदार मैराथन पारी खेली. उनके शानदार दोहरे शतक की बदौलत ही भारत इस टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में कामयाब रहा. उन्होंने 5 मैचों की सीरीज़ में 2 शतक और 1 दोहरे शतक के साथ कुल 642 रन बनाये.  

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इसी सीरीज़ में लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. गावस्कर ने 4 मैचों में 155 की शानदार औसत से 774 रन बनाये थे. भारत 1-0 से ये टेस्ट सीरीज़ जीता था. 

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दिलीप सरदेसाई मशहूर पत्रकार व एंकर राजदीप सरदेसाई के पिता हैं.