हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं, जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब शामिल हैं. स्कूल के दिनों में हमें बस इतना ही पढ़ाया जाता है, पर स्कूल वाले शायद ये बताना भूल जाते हैं कि हिंदुस्तान में क्रिकेट भी एक धर्म की तरह ही है. इस धर्म को मानने वाले लोग पिच को मंदिर और क्रिकेटर्स को अपना भगवान समझते हैं.
हिन्दुस्तान में क्रिकेट की दीवानगी का आलम कुछ इस तरह है कि सिर्फ़ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि उनके खेल से जुड़ी एक-एक चीज़ लोगों की यादों में बसी दिखाई देता है. ऐसी ही कुछ यादें हैं क्रिकेटर्स के फ़ेयरवेल की. मैदान पर अपने पसंदीदा खिलाड़ी को आखरी बार बैट या बॉल पकड़ते देखना, एक भावुक पल है.
क्रिकेट के उन्हीं भावुक पलों को आज समेट कर आपके सामने पेश कर रहे हैं:
2013 में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहा, जिसके बाद साथी खिलाड़ियों ने कुछ इस तरह उनका अभिनन्दन किया.
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फ़िरोज़शाह कोटला के मैदान पर आखिरी बार पिच और साथियों के साथ आशीष नेहरा.

2012 में इंडियन क्रिकेट टीम के संकटमोचन कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने भी क्रिकेट से सन्यास ले लिया. इस मौके पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भी राहुल के सम्मान में तालियां बजाई.
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नागपुर में अपने कप्तान सौरभ गांगुली को विदाई देती इंडियन क्रिकेट टीम.

क्रिकेट को अलविदा कहते अनिल कुंबले.

धोनी! धोनी! धोनी!

संगाकारा को गार्ड ऑफ़ ऑनर देते साथी खिलाड़ी.

रिटायरमेंट की घोषणा के बाद आख़िरी मैच खेलने उतरे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग.
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क्रिकेट ग्राउंड से एक साथ अलविदा कहते हुए मिस्बा-उल-हक़ और यूनस खान.

अपने कैप्टेन माइकल क्लार्क को आखिरी सलाम देती ऑस्ट्रेलियन टीम.

Steve Waugh के रिटायरमेंट पर उमड़ा जान सैलाब.

क्रिकेट के असली भगवान, Don Bradman के आख़िरी मैच में उन्हें सम्मान देते दर्शक.

स्पिन बॉलिंग के बादशाह Shane Warne के रिटायरमेंट पर उनके साथी खिलाड़ियों ने उन्हें कंधे पर ही उठा लिया.
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आख़िरी मैच के बाद प्रशंसकों से मिला प्यार समेटते गिलक्रिस्ट
