खेलों की दुनिया में रोजर फ़ेडरर का नाम ही काफ़ी है. 20 ग्रैंड स्लैम विजेता फ़ेडरर इस समय दुनिया के नंबर वन टेनिस खिलाड़ी हैं. सभी तरह के कोर्ट पर शानदार खेल दिखाने वाले फ़ेडरर को टेनिस का हीरा भी कहा जाता है. वो जब भी टेनिस कोर्ट पर उतरते हैं अपना टेनिस रैकेट ऐसे चलाते हैं जैसे कोई जादूगर अपनी जादुई छड़ी घुमा कर चीजें गायब कर रहा हो. फ़ेडरर की कलाईयों में भी कुछ ऐसा ही जादू है, वो जब भी रैकेट पकड़ते हैं सामने वाला खिलाड़ी खुद ब खुद टेंशन में आ जाता है.
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स्विट्ज़रलैंड के रोजर फ़ेडरर दुनिया के उन चंद खिलाडियों में से हैं जो मैदान पर हमेशा सच्ची खेल भावना का परिचय देते हैं. वो अपने प्रतिद्वंदी को इज्ज़त देते हैं, चाहे वो कोई सीनियर खिलाड़ी हो या फिर कोई नया खिलाड़ी. यही फ़ेडरर की असली पहचान है. यही वजह है कि दुनिया का हर खिलाड़ी उन्हें उतनी ही इज्ज़त देता है, जितना वो औरों को देते हैं.
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हाल ही में Monaco में हुए World Sports Awards के दौरान फ़ेडरर को Sportsman and Comeback of the Year का ख़िताब मिला. इस दौरान उन्होंने अपने चिर प्रतिद्वंदी राफ़ेल नडाल का नम आंखो से शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘राफ़ा तुम जैसे महान खिलाड़ी के साथ खेलने से मेरे खेल में हमेशा सुधार हुआ है. हम दोनों के बीच हमेशा कड़े मुकाबले हुए हैं, वो इसलिए क्योंकि आप एक शानदार खिलाड़ी हो. नडाल जैसे एथलीट के साथ इस मंच पर मेरे हाथों में अवॉर्ड होना मेरे लिए गर्व की बात है. राफ़ा जब भी तुम किसी खिलाड़ी के साथ पांचवे राउंड 9-7 से जीत रहे या हार रहे होते तो भी ये पल लोगों के लिए स्पेशल होता था.’
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एक-दूसरे के ख़िलाफ़ जीत के लिए जी जान से लड़ना ही इन दोनों को महान बनाता है. ये बात हर कोई जनता है कि टेनिस कोर्ट के बाहर फ़ेडरर और नडाल हमेशा से ही अच्छे दोस्त रहे हैं. रोजर फ़ेडरर ने हाल ही में 36 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतकर ये दिखा दिया की उन्हें The Greatest of All Time यूं ही नहीं कहा जाता है.
अगर दोस्ती सच्ची हो तो खेलने का मज़ा दोगुना हो जाता है.