‘Golden Boy of Soccer’ के नाम से मशहूर अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल लेजेंड डियागो मैराडोना का 60 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया है. मैदान पर अपने पैरों की कलात्मक शैली से फ़ुटबॉल को नाचने वाले मैराडोना का जाना फ़ुटबॉल जगत के लिए बड़ा नुकसान है. मैराडोना आख़िरी वक़्त तक युवाओं को फ़ुटबॉल के गुर सिखाते रहे. 

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कैसा रहा था मैराडोना करियर? 

मैराडोना ने 1977 से 1994 तक अपने देश अर्जेंटीना के लिए 91 इंटरनेशनल मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 34 गोल दागे. मैराडोना ‘बार्सिलोना’ और ‘नेपोली’ के लिए क्लब फ़ुटबॉल खेला करते थे. साल 2008 से 2010 तक अर्जेंटीना की फ़ुटबॉल टीम के कोच भी रहे. इसके अलावा भी उन्होंने कई अन्य क्लब टीमों की कोचिंग भी की.

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मैराडोना के गोल की संख्या भले ही कम हो, लेकिन मैदान पर मैराडोना की शख़्सियत का जवाब नहीं था. एक दौर था जब मैरोडाना के मैदान में आते ही विपक्षी टीम एक अदद किक के लिए तरस जाती थी. फ़ुटबॉल चाहे किसी भी खिलाड़ी पास हो, लेकिन चंद सेकेंड बाद वो मैराडोना के पैरों के नीचे होती थी. 

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कितनी संपत्ति के मालिक थे मैराडोना? 

Express.co.uk के मुताबिक़, डियागो मैराडोना की नेटवर्थ केवल 1,00000 लाख डॉलर (7.39 करोड़ रुपये) के क़रीब है. मैराडोना जब अपने करियर की ऊंचाईयों पर थे उस वक़्त वो दुनिया में सबसे अधिक पैसा पाने वाले एथलीटों में से एक थे, लेकिन ‘नशे की लत’ और ‘टैक्स चोरी’ के आरोपों के चलते वो अपनी अरबों की संपत्ति गंवा बैठे. 

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‘इंटरनेशनल बिज़नेस टाइम्स’ के मुताबिक़, साल 1984 में फ़ुटबॉल क्लब ‘नेपोली’ के साथ हुए करार में मैराडोना को 3 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम मिली थी. इस दौरान उन्होंने एंडॉर्समेंट से क़रीब 10 मिलियन की कमाई भी की थी. आज के दौर में ये राशि 26 मिलियन डॉलर (192 करोड़ रुपये) के क़रीब है.

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क्लब कोचिंग से भी कमाए करोड़ों रुपये 

डियागो मैराडोना ने अर्जेंटीना के अलावा कई क्लबों के लिए भी कोचिंग का काम किया. मैक्सिको के एक क्लब की कोचिंग के दौरान मैराडोना को 11 महीने के कार्यकाल के दौरान हर महीने में 15,0000 डॉलर (1.10 करोड़ रुपये) मिलते थे.

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मैराडोना पर आरोप हैं कि साल 1984 से 1991 तक ‘नेपोली क्लब’ के लिए खेलते हुए उन्होंने 44 मिलियन डॉलर की टैक्स चोरी की है. लेकिन मैराडोना अक्सर कहते रहे कि उन्होंने ये रक़म को 2003 में ही चुका दी थी. बावजूद इसके पिछले 25 सालों से पुलिस द्वारा मैराडोना को परेशान किया जा रहा था. 

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बता दें कि साल 1991 में फ़ुटबॉल क्लब ‘नेपोली’ के एक मैच से ठीक पहले ग़ायब हो जाने के कारण इटली के फ़ुटबॉल ट्रिब्यूनल ने मैराडोना पर 70,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था. इस दौरान क्लब ने मैराडोना के ख़िलाफ़ ड्रग इस्तेमाल के कारण उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का मुकदमा दायर किया था.