भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ वीबी चंद्रशेखर का गुरुवार रात 57 साल की उम्र में निधन हो गया है. चंद्रशेखर भारत की तरफ़ से घरेलू क्रिकेट में सबसे तेज शतक ठोकने वाले क्रिकेटर थे.
पुलिस के मुताबिक़, ये आत्महत्या का मामला लग रहा है क्योंकि चंद्रशेखर को अपने कमरे में सीलिंग फ़ैन से लटके मिले. चंद्रशेखर ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा.
BCCI regrets to inform that former India opener VB Chandrasekhar is no more. Our heartfelt condolences to his family, friends and his fans.
— BCCI (@BCCI) August 15, 2019
जांच अधिकारी सेंथिल मुरुगन के मुताबिक़ चंद्रशेखर की पत्नी सौम्या ने पुलिस को बताया कि गुरुवार शाम चंद्रशेखर घरवालों के साथ चाय पीने के बाद 5:45 के करीब अपने कमरे में चले गए. इसके बाद वो काफ़ी देर तक बाहर नहीं निकले, इस पर पत्नी और बच्चों ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. इसके बाद उन्होंने खिड़की से झांककर तो चंद्रशेखर छत से लटके हुए थे.
चंद्रशेखर की पत्नी सौम्या ने पुलिस को बताया कि मुरुगन पिछले कुछ समय से क्रिकेट व्यवसाय में हुए नुकसान के कारण परेशान थे. यही उनकी मौत का कारण हो सकता है.
Very shocking to hear VB Chandrashekhar indian cricketer is no more.. very sad news .. very young to go.. rest in peace VB.. Big lose ☹️ condolences to the family 🙏🙏 @CSKFansOfficial @ChennaiIPL @BCCI
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) August 15, 2019
चंद्रशेखर भारत के लिए साल 1988 से 1990 के बीच महज 7 वनडे मैच ही खेल पाए. जिनमें उन्होंने सिर्फ़ 88 रन बनाए. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 53 रन की पारी उनकी सबसे बड़ी पारी रही.
#RIP #VBChandrasekhar pic.twitter.com/1WLeU6KAvx
— subramani badrinath (@s_badrinath) August 16, 2019
तमिलनाडु के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले चंद्रशेखर को विस्फ़ोटक बल्बेबाज़ के तौर पर जाना जाता था. साल 1988 में ‘रेस्ट ऑफ़ इंडिया’ के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने महज 56 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक जमाया था. फ़र्स्टक्लास क्रिकेट में भारत की तरफ़ से लगाया गया ये सबसे तेज़ शतक था. उनका ये रिकॉर्ड कई सालों तक कायम रहा.
तमिलनाडु को साल 1987-88 में रणजी ट्रॉफ़ी चैंपियन बनाने में चंद्रशेखर ने अहम भूमिका निभाई थी. क्वार्टर फ़ाइनल मुकाबले में उन्होंने यूपी के ख़िलाफ़ 160 रन जबकि फ़ाइनल में रेलवे के ख़िलाफ़ 89 रनों की अहम् पारियां खेली थीं.
चंद्रशेखर घरेलू क्रिकेट के बड़े खिलाड़ी माने जाते थे. कुल 81 फ़र्स्टक्लास मुकाबलों में उन्होंने 43.09 की औसत से 4999 रन बनाए. नाबाद 237 रन की पारी उनके करियर की सबसे बेहतरीन पारी रही.
क्रिकेट करियर ख़त्म होने के बाद चंद्रशेखर कोचिंग और कमेंट्री करने लगे थे. चंद्रशेखर ने ‘इंडियन प्रीमियर लीग’ में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली ‘चेन्नई सुपर किंग्स’ के क्रिकेट मैनेजर के तौर पर भी काम किया. वह पहले तीन संस्करणों के दौरान आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के प्रबंधक भी रहे.
Extremely sad & shocked to hear about the passing away of VB Chandrasekhar sir. His consistent efforts made it possible to set the right foundation of the CSK team. He always encouraged & believed in us since very beginning. My deepest condolences to the family. pic.twitter.com/g2mtq8wRos
— Suresh Raina🇮🇳 (@ImRaina) August 15, 2019
चंद्रशेखर कुछ समय के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी कार्य किया था. वर्तमान में वीबी ‘तमिलनाडु प्रीमियर लीग’ की ‘कांची वीरन’ टीम के मालिक भी थे. क्रिकेट उनके लिए सब कुछ था इसीलिए उन्होंने चेन्नई में एक अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी भी खोली थी.
Terrible news…VB…too soon. Shocking! Heartfelt condolences to his family and friends.
— Anil Kumble (@anilkumble1074) August 15, 2019
चंद्रशेखर के आकस्मिक निधन उनके करीबी मित्र और भारत के पूर्व कप्तान के. श्रीकांत ने कहा ‘ये मेरे लिए एक बड़ा झटका है. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि वीबी अब हमारे बीच नहीं है. वो एक उच्च स्तर के आक्रमक बल्लेबाज़ थे लेकिन दुर्भाग्य से वो भारत के लिए ज़्यादा नहीं खेल सके. हम दोनों ने साथ ख़ूब क्रिकेट कमेंट्री की’.