क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के नाम भले ही वनडे क्रिकेट में 49 शतक हों लेकिन उनको भी अपने पहले शतक लगाने में 5 साल लग गए थे. सचिन ने अपना पहला शतक साल 1994 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोलंबो में लगाया था.

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सचिन ने गुरुवार को अपने करियर के ‘टर्निंग पॉइंट’ को याद किया. जब उन्होंने साल 1994 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे क्रिकेट में पहली बार भारत के लिए ओपनिंग की. सचिन क्रिकेट इतिहास के सबसे सफ़ल ओपनर माने जाते हैं. ओपनर के तौर पर उन्होंने करीब 20 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट पर राज किया.

सचिन को ओपनिंग कैसे मिली क्या आप ये जानते हैं?  

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सचिन ने ‘LinkedIn’ पर एक वीडियो शेयर करते हुए ख़ुद इसकी जानकारी दी है.  

इस दौरान सचिन का कहना था कि ओपनिंग करने के लिए उन्हें कप्तान के आगे कई मिन्नतें करनी पड़ीं. इस दौरान ये शर्त भी रखी कि अगर वो फ़ेल हुए तो दोबारा ओपनिंग का ज़िक्र भी नहीं करेंगे. आख़िरकार कई मिन्नतों के बाद उन्हें ये मौका मिल ही गया.

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‘जब मैंने साल 1994 में भारत के लिए ओपनिंग करनी शुरू की तो उस वक्त हर टीम विकेट बचा कर खेलने की रणनीति के साथ मैदान पर उतरती थी. लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता था. मैंने गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रमकता के साथ बल्लेबाज़ी करने की रणनीति अपनायी. लेकिन ये आसान नहीं था इसके लिए मुझे कप्तान के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा’. 
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ऑकलैंड में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मिले मौके को मैंने पूरी तरह से भुनाने की कोशिश की. पहले ही मुक़ाबले में मैंने 49 गेंदों पर 82 रन बनाए थे. उस इनिंग के बाद मुझे दोबारा पूछना नहीं पड़ा कि एक और मौका मिलेगा या नहीं. इसके बाद कप्तान अक़्सर मुझसे ओपनिंग कराने को लेकर काफ़ी उत्साहित रहते थे.

सचिन ने इस उदाहरण को सामने रखते हुए अपने फ़ैंस से कहा कि कभी भी असफ़लता के डर से चुनौती का सामना करने से पीछे नहीं हटें.

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बतौर ओपनर सचिन ने पहली पांच पारियों में 82, 63, 40, 63 और 73 रन बनाए थे. साल 1994 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सचिन ने पहला शतक लगाया था. इस दौरान उन्होंने 130 गेंदों पर 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 110 रन बनाए थे.

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सचिन के नाम 463 वनडे में कुल 18426 रन हैं. वनडे और टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी सचिन ही हैं.

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