भारतीय कुश्ती इतिहास में एक से बढ़कर एक पहलवान हुए हैं, लेकिन जो दो नाम लोगों को आज भी याद हैं वो हैं गामा पहलवान और दारा सिंह. इन दोनों ही पहलवानों ने दुनियाभर में भारत का नाम रौशन किया है. गामा पहलवान आज़ादी से पहले दुनिया के नंबर वन रेसलर हुआ करते थे. जबकि आज़ादी के बाद दारा सिंह इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दुनिया के नंबर वन रेसलर बने. इन दोनों ही पहलवानों ने ‘रुस्तम-ए-हिंद’ का ख़िताब अपने नाम किया था. आज हम आपको देश के इन दो दिग्गज रेसलरों की डाइट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी बदौलत इन्होने दुनिया के बड़े से बड़े रेसलर को चारों खाने चित कर दिया था.
ये भी पढ़िए: पहलवानी के सूरमा दारा सिंह की वो 17 तस्वीरें, जब वो इस खेल के ‘महाबली’ हुआ करते थे
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/ipiccy_image-5.jpg?w=1024)
कौन थे गामा पहलवान?
गामा पहलवान (Gama Pehalwan) का जन्म 22 मई, 1878 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उनका असली नाम ग़ुलाम मुहम्मद बख्श था, लेकिन पूरी दुनिया उन्हें गामा पहलवान के नाम से जानती थी. उनके परिवार के सभी लोग पहलवान थे. 6 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद उनके नानाजी नुन पहलवान ने ही गामा का पालन पोषण किया. नाना के निधन के बाद उनके मामा इड़ा पहलवान ने उनका पालन पोषण किया और उनकी ही देखरेख में ही गामा ने 10 साल की उम्र में सन 1888 में अपनी पहली कुश्ती लड़ी थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/Gama-Pehalwan.jpg)
गामा पहलवान को पूरी दुनिया इसलिए भी याद करती है क्योंकि उन्होंने उस दौर के रेसलिंग चैंपियन अमेरिका के स्टैनिस्लॉस जैविस्को को 10 सितंबर 1910 को हुए एक मुक़ाबले में परास्त कर दिया था. इसके बाद दुनिया का कोई भी रेसलर गामा पहलवान को नहीं हरा सका. गामा पहलवान ने अपना आख़िरी मुक़ाबला उस दौर के चैंपियन रहीम बक्श सुल्तानी से इलाहाबाद में लड़ा था. कई घंटों तक चले इस मुक़ाबले में गामा पहलवान को विजय प्राप्त हुई और इसके साथ ही उन्हें रुस्तम-ए-हिंद का ख़िताब भी हासिल हुआ.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/800px-Dand_Dund_Hindu_push-up.png)
गामा पहलवान की डाइट
गामा पहलवान हर रोज़ 40 से 45 मिनट 100 किलो की हस्ली पहन कर 5000 उठक-बैठक लगाते थे. इसके बाद उसी हस्ली को पहनकर उतने ही समय में 3000 दंड भी लगाते थे. गामा पहलवान की डाइट की बात करें तो वो प्रतिदिन 5 लीटर बादाम मिश्रण, 10 लीटर दूध, 10 किलो फल, आधा लीटर घी, 3 किलो मक्खन, 2 किलो देसी मटन, 6 किलो देसी चिकन और 3 लीटर फलों का जूस के अलावा कई अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ रोज़ाना की खुराक के रुप में लिया करते थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/Stanislaus-Zbyszko.jpg)
भारत-पाक बटवारे के समय ही गामा पहलवान अपने परिवार के साथ लाहौर चले गए थे. 23 मई 1960 में लाहौर में ही उनका निधन हुआ था. लेकिन गामा पहलवान हमेशा ही भारतीय पहलवान कहलाये गए.
कौन थे दारा सिंह?
दारा सिंह (Dara Singh) का जन्म 19 नवंबर, 1928 को पंजाब के धरमूचक गांव में हुआ था. 20 साल की उम्र में सन 1947 में वो ‘प्रोफ़ेशनल रेसलिंग’ की ट्रेनिंग लेने सिंगापुर चले गये. 20 साल की उम्र में उनकी हाइट 6 फ़ीट 2 इंच और वजन 127 किलोग्राम के क़रीब था. इस दौरान वो सिंगापुर में ‘ग्रेट वर्ल्ड स्टेडियम’ के कोच हरनाम सिंह के अंडर कुश्ती की ट्रेनिंग लेने लगे और साथ ही साथ एक मिल में नौकरी भी करने लगे. कोच हरनाम सिंह ने ही दारा सिंह को भारतीय शैली की ट्रेनिंग दी थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/628cb97d1711fe00019ee565_961809a4-24c4-4015-8453-a62309e67407.jpg)
दारा सिंह (Dara Singh) के बारे में जितना भी कहें वो भी कम है. गामा पहलवान के बाद वो भारत के सबसे महान रेसलर बने थे. वो रेसलिंग के साथ-साथ एक्टर, डायरेक्टर और पॉलिटिशियन भी रहे. रामायण धारावाहिक में हनुमान के किरदार ने उन्हें घर घर में मशहूर बना दिया था. दारा सिंह 50 के दशक में ही बॉलीवुड फ़िल्मों में एक्टिव हो गये थे. बावजूद इसके उन्होंने अपने पहले प्यार रेसलिंग को नहीं छोड़ा. इस दौरान वो एक्टिंग के साथ-साथ कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे. दारा सिंह पहली बार सन 1959 में ‘कॉमनवेल्थ चैंपियन’ बने थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/628cb97d1711fe00019ee565_d281aa53-f6b4-4179-940b-70f7512738b5-1.webp)
500 मुक़ाबले लड़े और सभी जीते
दारा सिंह ने 60 के दशक में ‘बिल वर्ना’, ‘फ़िरपो ज़बिस्ज़को’, ‘जॉन दा सिल्वा’, ‘रिकिडोज़न’, ‘डैनी लिंच’ और ‘स्की हाय ली’ जैसे धाकड़ पहलवानों को धूल चटाकर दुनिया भर में भारतीय पहलवानी का डंका बजाया. सन 1983 में मुंबई में आयोजित ‘वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप’ के दौरान अमेरिकी रेसलर Lou Thesz को चारों खाने चित्त कर ‘वर्ल्ड चैंपियनशिप’ का ख़िताब अपने नाम करके पूरी दुनिया को भारत की ताक़त का एहसास कराया था. दारा सिंह ने अपने 50 साल के रेसलिंग करियर में क़रीब 500 मुक़ाबले लड़े और कोई भी मुक़ाबला हारा नहीं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/07/628cb97d1711fe00019ee565_4e3da3ea-3166-420b-a886-8ddb839bc106.webp)
दारा सिंह की डाइट
दारा सिंह प्रतिदिन 1 से 2 घंटे की ट्रेनिंग के बाद तगड़ी डाइट लिया करते थे, लेकिन वो दिन में सिर्फ़ दो ही बार खाना खाते थे. वो रोजाना 2 लीटर दूध, 100 ग्राम बादाम, मुरब्बा और शुद्ध घी, आधा किलो मीट, 6 से 8 रोटी खा जाते थे. कसरत करने के बाद वो रोजाना ठंडाई भी पीते थे. इसके अलावा वो चिकन या फिर लैंब सूप पीने के भी शौकीन थे. अपनी बॉडी को फिट रखने के लिए वाले दारा सिंह हफ़्ते में एक दिन उपवास भी रखते थे.वो ऐसा इसलिए करते थे ताकि उनके शरीर से सारे टॉक्सिन्स निकल जाएं और उनका मेटाबोलिज्म दुरुस्त बना रहे.
ये भी पढ़ें: ऐतिहासिक लम्हा: जब दारा सिंह ने 200 किलो के ‘किंग कॉन्ग’ को उठाकर रिंग के बाहर फेंक दिया था