हम भारतीयों को क्रिकेट सिर्फ़ पसंद नहीं है, बल्कि हम तो इसका नशा किए बैठे हैं. हमारे यहां लोगों को बेवकूफ़ बनाने से आसान क्रिकेटर बनाना होता है. चुन्नू बराबर उम्र में जब हमसे अपनी सरकती नेकर नहीं संभलती, तब से हम क्रिकेट की पारियां संभालने लग जाते हैं. स्कूल में भले हम गिनती भूल जाएं, मगर मैदान पर कितनी बॉल्स पर कितने रन चाहिए, ये फटाक से बता सकते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_ee0d6619-6a4d-4b5f-b5d5-a2537b694cf3.jpg)
ये भी पढ़ें: ग़लत बॉलिंग एक्शन के कारण बैन हो चुके हैं ये 10 खिलाड़ी, इनमें भारतीय खिलाड़ियों के नाम भी हैं
अब तो IPL ने और भी बवाल काट दिया है. हर उम्र का शख़्स टीवी से चपका रहता है. मगर फिर भी जैसा टीवी पर क्रिकेट होता है, हम उससे बिल्कुल ही अलग खेल खेलते हैं. गली क्रिकेट में सिवाए बल्ले-गेंद के कुछ भी कॉमन नहीं रहता. अपन लोगों का सिर्फ़ एक ही नियम होता है, वो है सुविधानुसार नियम बना लेना.
ऐसे में आज हम आपको गली क्रिकेट और इंटरनेशनल क्रिकेट के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं-
1. सिक्के की जगह गुटखे की पन्नी उछालकर टॉस होता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_b2928475-1418-41d8-b26b-db737c71f0d4.jpg)
गली क्रिकेट वाले कभी सिक्का उछालकर टॉस नहीं करते. काहे कि हमें अपने नंबरी दोस्तों पर पूरा भरोसा है. जेब से सिक्का निकाला, तो वो वापस नहीं मिलेगा. उसकी स्वीटी सुपारी मंगा ली जाएगी. ऐसे में आसपास पड़ी गुटखे की पन्नी उछालकर हेड-टेल की जगह हिंदी-इंग्लिश कर लेते हैं.
2. स्टंप की जगह गुम्मे लगते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_4b42f3cb-29df-4cea-b566-e303fc0eb101.jpg)
इंटरनेशनल क्रिकेट में दोनों तरफ़ तीन-तीन कर छह स्टंप लगते हैं. मगर गली क्रिकेटरों के पास स्टंप होते ही नहीं. कभी होते हैं, तो तीन का सेट होगा उसमें भी एक टूटा होगा. ऐसे में हम लगाते हैं गुम्मे. कभी-कभी तो गुम्मे की भी ज़रूरत नहीं पड़ती. बस दीवार पर किसी लाल ईंट से तीन स्टंप के निशान खींच देते हैं.
3. बैटिंग कैप्टन नहीं, पीठ डिसाइड करती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_a31909c9-88c7-4109-9fd7-241a88e7532c.jpg)
इंटरनेशनल क्रिकेट में तो कैप्टन बताता है कि फलाना आदमी ओपनिंग करेगा, ढिमागा लास्ट में जाएगा. पर हमारे यहां ऐसा झाम नहीं है. अपन तो क़िस्मत के भरोसे लौटरी खेलते हैं. एक आदमी को खड़ा कर उसकी पीठ पर पूछ लेते हैं कि बताओ ये नंबर किसका? कई बार तो ये भी नहीं करते. बस ज़मीन पर नंबरिंग लिखकर एक आदमी बैट से उसे छिपा देता है और बाकी लोग आकर अपनी किस्मत आज़माते हैं.
4. छक्का मारने पर वाहवाही नहीं, गालियां मिलती हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_3711a0ab-c5ab-4ffd-aaa4-7b7c35876be5.jpg)
गली क्रिकेट का सबसे बड़ा नियम है कि जो बॉल किसी के घर पर मारेगा, वही उसे लेने भी जाएगा. मगर हर मोहल्ले में एक चिरांद अंकल-आंटी ज़रूर होता है, जिसके घर से बॉल लाना मगरमच्छ के जबड़े से शिकार निकालने के बराबर है. ऐसे में अपन नियम ही बना देते हैं कि छक्का मतलब आउट. फिर भी ग़लती से घर पर मार दी, तो हचक के गालियां और नई बॉल लाने की ज़िम्मेदारी दोनों मिलती है.
5. बैटिंग टीम वाला ही अंपायरिंग भी कराता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_e823cb06-3c00-414f-9502-2aa98ccb0426.jpg)
इंटरनेशनल क्रिकेट में दो टीम होती हैं, तो अलग से निष्पक्ष अंपायर भी रखे जाते हैं. मगर गली क्रिकेट में ऐसा नहीं होता. यहां जो टीम बैटिंग करती है, उसका ही एक बंदा अंपायरिंग भी करता है. और अक्सर ये काम टीम के सबसे चिहाड़ी आदमी के ज़िम्मे आता है. मतलब, कई बार तो मैच में जूता-चप्पल चलने की वजह अंपायर का चिहाड़ी भरा डिसीज़न ही होता है.
हालांकि, हमारे यहां थर्ड अंपायर की जगह भी होती है. ये काम ‘मां कसम’ करती है. जब बैट्समैन अपनी नट्टी पर हाथ रखकर मां कसम खा ले कि ‘भाई आउट नहीं, बल्ले पर छुई ही नहीं बॉल.’ तो बस तुरंत ही सब मान लेते हैं कि लड़का झूठ नहीं बोल रहा.
6. गली क्रिकेट में बॉलिंग का एक एक्स्ट्रा प्रकार भी पाया जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_192c6ec1-2e0b-4e10-b0b6-021b674c3285.jpg)
इंटरनेशनल क्रिकेट में या तो आप फ़ॉस्ट बॉलर होते हैं या फिर स्पिनर. मगर अपने यहां बॉलिंग का एक और प्रकार है. उसे कहते हैं ‘बट्टा बॉलिंग’. आप उसे देसी मलिंगा कह सकते हैं. मतलब है कि जिस शख़्स के बॉलिंग करने की चुल्ल तो बहुत होती है, मगर कुदरती रूप से उसका हाथ पूरा घूमता नहीं. वो बस डायरेक्ट फेंकता है, मानो थ्रो कर रहा हो. हम खुले मन के लोग हैं, तो हम इस एक्शन को भी स्वीकार कर लेते हैं.
7. गली क्रिकेट का हर नियम है अद्भुत
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/02/6200db31440a410001804444_69fe7aed-2075-4563-858d-742f987a68e9.jpg)
छक्का मारने वाला नियम तो आप जान ही गए, मगर गली क्रिकेट में कई अद्भुत नियम है. मसलन, इंटरनेशनल क्रिकेट में बाउंड्री सिर्फ़ चौका-छक्का होती है, मगर अपने यहां दुग्गी भी होती है. हवा में कैच तो कॉमन बात है, मगर अपने यहां तो ‘वन टिप वन हैंड’ भी चलता है. मतलब ज़मीन अगर बॉल एक बार ही टिप्पा खाई, तो उसे एक हाथ से पकड़ने पर आउट माना जाएगा.
इतना ही नहीं, कभी हमारे यहां बिना टीम भी खेलते हैं. यानि, हर अकेला व्यक्ति ही अपने में टीम होता है. टीम बनाई भी तो उसमें कच्चा नींबू भी भर्ती कर लेते हैं. मतलब कोई छोटा बच्चा जो खेल न पाता हो, मगर क्रिकेट की चुल्ल में शामिल होने को तरस रहा हो.
इसके अलावा, बैट्समैन की फ़ॉम से ज़्यादा भरोसा हमें अपने काले जादू पर रहता है. इसके लिए बस ज़मीन पर गोला बनाकर बैट्समैन का नाम लिखिए और थूक दीजिए. देखिए वो आउट हो जाएगा. भले ही आपको बेवकूफ़ी लगे, मगर गली क्रिकेटर्स के लिए ये रामबाण कलाकारी है.
ख़ैर, अगर हमसे गली क्रिकेट की कोई कलाकारी छूट गई हो, तो आप कमंट्स में हमें बता सकते हैं.