साल 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक ऐसा मैच खेला गया था, जिसे टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे यादगार मुक़ाबला कहा जाता है. क्योंकि मुक़ाबले में भारत ने फ़ॉलोऑन खेलने के बावजूद टेस्ट मैच में जीत हासिल की थी. 

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ये वही टेस्ट मैच था जब हरभजन भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक जमाने वाले पहले गेंदबाज़ बने थे. ये वही टेस्ट मैच था जिसमें वीवीएस लक्ष्मण 281 रनों की मैराथन पारी खेली थी. ये वही टेस्ट मैच था राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने पांचवें विकेट के लिए 376 रन की साझेदारी की थी. 

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क्यों हो गई न 20 साल पुरानी याद ताज़ा !!! 

दरअसल, इस टेस्ट मैच के हीरो रहे हरभजन सिंह ने ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के एक कॉलम में 20 साल पुरानी याद ताज़ा करते हुए ख़ुलासा किया कि वो इस ऐतिहासिक मैच के दौरान लक्ष्मण की 281 रन की पारी मैराथन देख ही नहीं पाए थे. हरभजन ने लिखा इसके पीछे सचिन तेंदुलकर का हाथ था. सचिन की वजह से ही वो लक्ष्मण की उस शानदार पारी को देख नहीं पाए थे. 

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द्रविड़-लक्ष्मण की साझेदारी के दौरान हम ड्रेसिंग रूम में अपनी सीट से हिले तक नहीं थे. ऐसा इसलिए क्योंकि फ़ॉलोऑन के बाद दूसरी पारी में भी हमारे विकेट लगातार गिर रहे थे. जब राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के बीच एक साझेदारी बढ़ने लगी तो सचिन ने फैसला लिया कि हम जहां हैं वहीं बैठे रहेंगे. इस तरह इसे चमत्कार ही कहिये कि इस दौरान दिन का आख़िरी सेशन बिना विकेट गिरे निकल गया. 
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इसके बाद हमने दूसरे दिन भी यही रणनीति अपनाई. हम जहां बैठे थे अगले दिन मैच शुरू होने पर फिर से वहीं बैठे गए. मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा था, फिर भी लक्ष्मण की उस ऐतिहासिक पारी की एक भी गेंद सही से देख नहीं पाया था. मैं वीवीएस के शतक होने के बाद सिर्फ़ ताली बजाने के लिए बाहर निकला था और अगली गेंद से पहले ही जाकर वापस उसी सीट पर बैठ गया. इस तरह इन दोनों ने बिना विकेट खोए एक और दिन निकाल दिया. 
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मुझे अच्छे से याद है कि सौरव गांगुली ने अपनी टी-शर्ट निकाली थी और टॉवेल को कंधे पर रख लिया था. अगले दिन भी दादा उसी तरह टी-शर्ट में आए और वॉर्म-अप के बाद मैच शुरू होने पर वो पिछले दिन की ही तरह उसे उतारकर टॉवेल को फिर से कंधे पर रखकर बैठे गए थे. 
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इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पहली इनिंग में कप्तान स्टीव वॉ की 110 रनों की शानदार पारी की बदौलत 445 रन बनाये. इस दौरान हरभजन ने ऑस्ट्रेलिया के 7 बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजा था. जवाब में भारतीय टीम मात्र 171 रनों पर ढेर हो गयी. इस दौरान लक्ष्मण ने सर्वाधिक 59 रन बनाये. इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 274 रनों की बढ़त मिली और उसने भारत को फ़ॉलोऑन खेलने भेज दिया. 

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इसके बाद फ़ॉलोऑन खेलने उतरी टीम इंडिया ने 232 रनों पर अपने 4 गंवा दिए थे. चौथे विकेट के रूप में सौरव गांगुली के आउट होने के बाद क्रीज़ पर आए राहुल द्रविड़ का साथ निभाने के लिए वीवीएस लक्ष्मण आये. इसके बाद इन दोनों वो किया जो आज तक क्रिकेट इतिहास में कोई नहीं कर पाया था. 

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इस दौरान लक्ष्मण (281) और द्रविड़ (180) की दमदार पारियों के दम पर 376 रन की ऐतिहासिक साझेदारी की. भारत ने फ़ॉलोऑन खेलने के बावजूद कुल 657 रनों का विशाल स्कोर बनाया. इस तरह भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रनों का लक्ष्य दिया. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ भज्जी की फ़िरकी आगे टिक न सके और पूरी टीम 212 रनों पर सिमट गयी. भारत ये टेस्ट मैच 171 रनों से जीत गया. भज्जी ने पारी में 6 विकेट चटकाए. 

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तो कुछ इस तरह से टीम इंडिया ने कोलकाता टेस्ट में शानदार जीत दर्ज़ कर ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 मैचों से चले आ रहे विजयी रथ पर ब्रेक लगाया था.