एक समय था जब मैरेडॉना और पेले का जादुई खेल देखने के लिए स्टेडियम फ़ुटबॉल प्रेमियों से ख़चाख़च भरे होते थे. एक आज का दौर है जब कभी भी मेसी और रोनाल्डो मैदान पर होते हैं लोग सब कुछ भूलकर इनकी टक्कर देखने पहुंच जाते हैं. मेसी और रोनाल्डो मैदान पर जितनी तेज़ी से खेलते हैं उतने ही तेज़ इनके पेनल्टी शूट्स भी होते हैं. इन दोनों के पैरों के बीच बॉल होती है बॉल कब गोलपोस्ट के अंदर चली जाती है इसकी भनक कीपर को भी नहीं हो पाती.
इन दिनों रूस में खेले जा रहे FIFA वर्ल्ड कप के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है. रोनाल्डो गोल पर गोल किये जा रहे हैं. उनको रोक पाना सामने वाली टीम के लिए मुश्किल हो रहा है. लेकिन मेसी और रोनाल्डो के बाद इन दिनों एक और खिलाड़ी सुर्ख़ियों में है. ये वही गोलकीपर जिसने मेसी के पेनल्टी किक को रोककर अर्जेंटीना के फ़ैंस को निराश कर दिया था. इनका नाम है Hannes Thor Halldorsson.
दरअसल, वर्ल्ड कप के दौरान अर्जेंटीना और आइसलैंड के बीच खेले गए मुक़ाबले में मेसी ने गोल करने के लिए कुल 11 शॉट मारे. लेकिन बॉल एक बार भी गोलपोस्ट के अंदर नहीं जा पाई क्योंकि सामने दीवार बनकर खड़े थे आइसलैंड के गोलकीपर Halldorsson.
जब मुक़ाबला 1-1 की बराबरी पर ख़त्म होने की कगार पर था, तो उसी समय मेसी को एक पेनल्टी किक मिली. अर्जेंटीना के फ़ैंस ख़ुशी से झूम उठे क्योंकि बॉल मेसी के पास थी और लग रहा था कि ये मुक़ाबला अर्जेंटीना ये मैच आसानी से जीत जायेगा. लेकिन इसके बाद जो हुआ उसे मेसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. मेसी ने हमेशा की तरह पूरी चतुराई के साथ जैसे ही शॉट मारा तो उनके सामने खड़े Halldorsson ने अपने दाहिनी ओर ज़बर्दस्त ड्राइव लगाते हुए बॉल को गोलपोस्ट में जाने से रोक लिया. हर कोई हैरान था कि मेसी कैसे पेनल्टी किक मिस कर सकते हैं. इसी के साथ मैच 1-1 की बराबरी पर ही ख़त्म हो गया.
Halldorsson कुछ इसी तरह का कारनामा इससे पहले यूरो कप 2016 में भी कर चुके हैं. उस समय उनके सामने फ़ुटबाल के एक और दिग्गज़ रोनाल्डो थे. पूरे मैच के दौरान रोनाल्डो ने गोलपोस्ट की ओर 10 शॉट्स मारे लेकिन आइसलैंड की दीवार Halldorsson ने एक भी गोल नहीं होने दिया. ये मुक़ाबला भी 1-1 की बराबरी पर छूटा था. इस मैच के हीरो भी Halldorsson ही बने थे.
Halldorsson ग्रेट क्यों हैं उसका कारण भी जान लें. दरअसल, एक फ़ुटबॉलर के तौर पर उन्होंने न तो कोई खास वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग ली न ही किसी अच्छे कोच से कोचिंग ली. अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए उन्होंने ख़ुद ही मैदान पर गोलकीपर और स्ट्राइकर की प्रैक्टिस की. अपने करियर की शुरुआत में Halldorsson एक दीवार के सहारे बॉल को किक मारकर फिर उस बॉल को ड्राइव लगाकर पकड़ने की प्रैक्टिस किया करते थे. कुछ इस तरीके से उन्होंने गोलकीपर बनने की ट्रेनिंग ली.
हर खिलाड़ी की ज़िन्दगी में ऐसे दौर आते रहते हैं. लेकिन जब वो 20 साल के हुए तो उन्हें लोकल थर्ड डिवजन टीम से भी निकाल दिया गया था. ये वो समय था जब उन्होंने फ़ुटबॉल छोड़ने का मन बना लिया था और अपने दूसरे प्यार फ़िल्म डायरेक्शन में जाने का सोच लिया था. लेकिन इस दौरान उनके पिता ने उन्हें फ़ुटबॉल न छोड़ने की सलाह दी. साथ ही देश के लिए खेलने और गोलकीपर बनने के सपने को पूरा करने की प्रेरणा दी. बस फिर क्या था Halldorsson ने अपने उस सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिया. और आज Halldorsson दुनिया के टॉप गोलकीपर्स में से एक हैं.
फ़िल्म मेकिंग है बचपन का शौक़
Halldorsson मल्टी टैलेंटेड हैं, फ़ुटबॉल के साथ-साथ उन्हें डायरेक्शन का भी शौक है. उन्होंने दसवीं क्लास से ही म्यूज़िक वीडियोज़ बनाना शुरू कर दिया था. वो गर्ल बैंड ‘नायलॉन’ के लिए वीडियो बनाया करते थे. जिसके वो पैसे नहीं लेते थे. इसके बाद Halldorsson अब तक कई विज्ञापन फ़िल्में और टीवी शो बना चुके हैं.