भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज से सिडनी में 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ का तीसरा मैच खेला जा रहा है. सिडनी के मैदान पर आज ऐसा कुछ देखने को मिला जो आज से पहले कभी नहीं देखने को मिला था. इसके साथ ही ये मैच वर्ल्ड क्रिकेट इतिहास के पन्नों में भी दर्ज़ हो गया है.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसक (Claire Polosak) ने पुरुष टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर इतिहास रच दिया है. ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स की 32 वर्षीय पोलोसक मैच में चौथे अंपायर की भूमिका में थीं. ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली महिला अंपायर भी बनी थीं .
ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसक पुरुषों के टेस्ट क्रिकेट में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं. टॉस के दौरान वो दोनों कप्तानों और मैच रेफ़री के साथ दिखाई दी थीं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें बधाई भी दी
The list of accomplishments grows for Claire Polosak!
— Cricket Australia (@CricketAus) January 7, 2021
After becoming the first woman to officiate men’s ODI, she today becomes the first woman to officiate a men’s Test match. Congratulations Claire! 👏 #AUSvIND pic.twitter.com/ON9mg7Fc60
बता दें कि पोलोसक इससे पहले पुरुष एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनने की उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं. साल 2019 में उन्होंने नामीबिया और ओमान के बीच ‘विश्व क्रिकेट लीग’ डिविजन दो के मैच में अंपायरिंग की थी.
सिडनी में खेला गया ये टेस्ट मैच इसलिए भी ख़ास था क्योंकि इसमें ऑस्ट्रेलिया के 3 पूर्व गेंदबाज़ अंपायरिंग की भूमिका में थे. पूर्व तेज़ गेंदबाज़ पॉल रिफ़ेल और पॉल विल्सन मैदानी अंपायर की भूमिका में थे. पूर्व स्पिन गेंदबाज़ ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड तीसरे (टेलीविजन) अंपायर थे. जबकि पूर्व धाकड़ बल्लेबाज़ डेविड बून मैच रेफ़री की भूमिका में थे.
बता दें कि टेस्ट मैचों के लिए आईसीसी के नियमों के अनुसार, चौथे अंपायर को घरेलू क्रिकेट बोर्ड द्वारा अपने आईसीसी अंपायरों के अंतरराष्ट्रीय पैनल में से नियुक्त किया जाता है. इस मैच के लिए चौथे अंपायर के तौर पर क्लेयर पोलोसाक (Claire Polosak) को चुना गया था.
इस दौरान चौथे अंपायर का काम मैदान में नई गेंद लाना, अंपायरों के लिए ड्रिंक ले जाना, लंच और चाय के दौरान पिच की देखभाल और लाईटमीटर से रोशनी की जांच करना होता है. किसी परिस्थिति में मैदानी अंपायर के हटने के बाद तीसरे अंपायर को मैदान में सेवाएं देनी होती हैं, जबकि चौथे अंपायर को टेलीविजन अंपायर की भूमिका निभानी होती है.
ये मुक़ाबला हमेशा क्लेयर पोलोसक के लिए याद रखा जाएगा.