Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स के आख़िरी दिन तक भारतीय खिलाड़ियों का मेडल जीतने का सिलसिला जारी है. आज 8 अगस्त को कॉमनवेल्थ गेम्स का समापन होने जा रहा है. आज आख़िरी दिन स्टार बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु से पूरे देश को ‘गोल्ड मेडल’ की उम्मीद है. भारत कॉमनवेल्थ गेम्स में अब तक कुल 55 मेडल जीत चुका है. इनमें 18 गोल्ड मेडल, 15 सिल्वर मेडल और 22 ब्रोंज़ मेडल शामिल हैं.

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पिछले कुछ सालों में ‘ओलिंपिक’ से लेकर ‘कॉमनवेल्थ’ तक हर जगह पुरुषों के मुक़ाबले भारतीय महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है. Commonwealth Games 2022 में भी महिला खिलाड़ियों ने सफ़लता के झंडे गाड़ दिए हैं. बॉक्सिंग, रेसलिंग, टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वैश और क्रिकेट समेत हर खेल में महिलाओं ने मेडल की झड़ी लगा दी है. इन मेडल विजेताओं में एक नाम बॉक्सर नीतू घनघस (Boxer Nitu Ghanghas) का भी है.

Indian Boxer Nitu Ghanghas

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21 वर्षीय नीतू घनघस (Nitu Ghanghasने 7 अगस्त, 2022 को 48 किलोग्राम वर्ग बॉक्सिंग के फ़ाइनल मुक़ाबले में इंग्लैंड की Demi Jade को 5-0 से हराकर भारत को 14वां गोल्ड मेडल दिलाया था. 3 राउंड तक चले इस मुक़ाबले में इस भारतीय बॉक्सर ने अपना परचम शुरू से अंत तक लहराए रखा और हिंदुस्तान का नाम बुलंद किया. नीतू ने इससे पहले सेमीफ़ाइनल मैच में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों और क्वार्टरफ़ाइनल में उत्तरी आयरलैंड की निकोल क्लायड को हराकर अपना मेडल पक्का किया था.

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नीतू घंघास (Nitu Ghangas) वही बॉक्सर हैं जिन्होंने Trial Bout में भारत की स्टार बॉक्सर Mary Kom को हराकर Commonwealth Games 2022 के लिए क्वालीफ़ाई किया था और सुर्ख़ियां बटोरी थी. इंडियन बॉक्सिंग जगत में ‘मिनी क्यूबा’ के नाम से मशहूर नीतू घनघस को इतनी कम उम्र में मिली इस बड़ी कामयाबी से हर कोई हैरान है.

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असल ज़िंदगी में कौन हैं नीतू घंघास? 

बॉक्सर नीतू घंघास (Boxer Nitu Ghanghas) का जन्म 19 अक्टूबर 2000 को हरियाणा के भिवानी स्थित धनाना गांव के एक जाट परिवार में हुआ था. नीतू ने भिवानी के ‘चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी’ से कॉलेज की पढ़ाई की है. उनके पिता का नाम जय भगवान है जो हरियाणा विधान सभा में बिल मैसेंजर के तौर पर काम करते है. वहीं उनकी माता का नाम मुकेश देवी हाउस वाइफ हैं. 

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पिता ने दांव पर लगा दी थी नौकरी

नीतू घंघास के पिता जय भगवान हरियाणा सचिवालय में काम करते थे. लेकिन बेटी को बॉक्सर बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक दांव पर लगा दी. दरअसल, नीतू की ट्रेनिंग के चलते पिता को लंबी छुट्टी लेनी पड़ती थी. नतीजतन उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच चल रही है. कई साल से वेतन भी नहीं मिला. नीतू की ट्रेनिंग के खर्च के लिए पिता को अपने दोस्तों व रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने पड़ते थे. लेकिन आज बेटी ने मेडल जीतकर परिवार के साथ देश का नाम रौशन कर दिया.

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नीतू घंघास (Nitu Ghangas) को बचपन से ही बॉक्सिंग से प्यार था. इसलिए साल 2012 में उन्होंने अपने Professional Boxing Career की शुरुआत की. इसके बाद साल 2016 में बॉक्सर नीतू ने हरियाणा के रोहतक स्थित ‘नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी’ ज्वाइन की. इस एकेडमी में शामिल होने से पहले वो Pelvic Injury से पीड़ित थीं. इस दैरान एकेडमी ने उन्हें चोट से उबरने में मदद की थी. नीतू महिला बॉक्सिंग की 48 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में भाग लेती हैं. उनके कोच का नाम भास्कर भट्ट और जगदीश सिंह है. 

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नीतू घंघास का बॉक्सिंग करियर  

नीतू घंघास ने साल 2017 में गुवाहाटी में आयोजित AIBA Youth Women World Boxing Championships में पहली बार ‘गोल्ड मेडल’ जीता था. फिर साल 2018 में थाईलैंड की निल्लादा मीकून को हराकर Asian Youth Boxing Championship में ‘गोल्ड मेडल’ जीता. साल 2022 में नीतू ने बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित 73rd Strandja Memorial Boxing Tournament में भी ‘गोल्ड मेडल’ जीता. अब Commonwealth Games 2022 में ‘गोल्ड मेडल’ जीतकर पूरी दुनिया में देश का परचम लहराया है. 

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नीतू घनघास (Nitu Ghangas) साल 2021 में फ़रहान अख़्तर के साथ ‘तूफ़ान’ फ़िल्म में भी नज़र आ चुकी हैं.