क्वालालम्पुर में चल रहे महिला T-20 एशिया कप के दौरान भारत और मलेशिया के बीच खेले गए पहले मैच में भारत ने मलेशिया को 142 रनों से हराया. भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मलेशिया को निर्धारित 20 ओवरों में 169 का टारगेट दिया. जवाब में मलेशिया की टीम मात्र 27 रन पर ऑल आउट हो गयी. उनका कोई भी बल्लेबाज़ दहाई का अंक भी नहीं छू पाया. साशा आज़मी ने सर्वाधिक 9 रन बनाये. भारत की तरफ़ से पूजा वस्त्राकार ने 3 ओवर में मात्र 6 रन देकर 3 विकेट झटके. जबकि अनुजा पाटिल और पूनम यादव ने 2-2 विकेट लिए. भारत अपने दोनों मैच जीतकर अंक तालिका में टॉप पर काबिज़ है.

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इस मैच में भारत की ओर से वनडे और टेस्ट कप्तान मिथाली राज ने 69 बॉल में शानदार नाबाद 97 रन बनाये. जिसके लिए उन्हें ‘वुमेन ऑफ़ द मैच’ भी दिया गया. लेकिन यहां सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि मिथाली को ‘वुमेन ऑफ़ द मैच’ के लिए दी जाने वाली ईनामी रकम सिर्फ़ 250 डॉलर थी, जो कि पुरुषों के मुक़ाबले बेहद कम है. 

मिथाली की ये तस्वीर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑफ़िशियल साईट पर अपलोड किये जाने के बाद लोगों ने इसे ट्रोल करना शुरू कर दिया.

सोशल मीडिया पर लोग इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि, मिथाली राज जैसी महान खिलाड़ी को ईनामी राशि के तौर पर सिर्फ़ 250 डॉलर देना उनका अपमान करना है. जबकि पुरुष क्रिकेटरों को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ के लिए 2000 से 2500 डॉलर दिए जाते हैं. महिला और पुरुष क्रिकेटरों के बीच इतना भेदभाव क्यों? जबकि दोनों बराबर मेहनत करते हैं और देश के लिए खेलते हैं.

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कुछ क्रिकेट प्रेमियों ने सवाल उठाये कि क्या ‘मैन ऑफ़ द मैच’ के लिए 250 डॉलर ठीक है? भारत में ग़रीबी रेखा से नीचे का एक व्यक्ति भी महीने में इतनी सैलरी लेता है. जबकि आईपीएल में खिलाड़ियों को इतना सारा पैसा दिया जाता है. इससे ज़्यादा पैसा तो रणजी पुरुष खिलाड़ियों को ईनाम के तौर पर मिलता है. अगर देश में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना है, तो उन्हें सम्मान देना ही होगा.

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मिथाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 6000 रन बनाये हैं. भारत की पहली महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक भी लगाया है. मिथाली टेस्ट और वनडे क्रिकेट 50 से अधिक के औसत के साथ खेलती हैं.