वही गर्व, जोश और ख़ुशी आप महसूस करेंगे भारत के पैरा-चैंपियंस के बारे में जान कर, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भारत का परचम फैराया है. आपको जान कर हैरानी होगी कि भारत का पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल एक पैरा-तैराक ने 1972 में जीता था. भारत का जेवलिन थ्रो (पैरा-एथलिट ) का वर्ल्ड रिकॉर्ड 12 साल बाद भी नहीं टूटा है. ऐसी कई उपलब्धियां हैं जो हमारे देश के पैरा-एथलीट्स को मिली हैं. इस incredible वीडियो को देखने के बाद आपको महसूस होगा कि ‘दृढ़ निश्चय और साहस के सामने हार भी हार मान जाती है’.

भारत ने इस बार 1 रजत और 1 कांस्य पदक जीता है. पूरा देश इस कामयाबी से प्रफुल्लित है. गली-मोहल्लों में सिंधु-साक्षी-दीपा की बातें चल रही हैं और हों भी क्यों न. इन खिलाड़ियों की मेहनत का ही फल है कि भारत आज गर्व महसूस कर रहा है.

ख़ुशी इस बात की भी है कि Indusind Bank जैसा एक साथी है कई पैरा-एथलीट्स को अपने सपनों को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है. उनकी इस पहल और प्रोत्साहन से 8 पैरा-एथलीट्स चैंपियन ज़रूर बनेंगे. इन एथलीट्स को चाहिए आपका समर्थन. तो अभी www.jeetkahalla.com पर जाएं और इन चैंपियंस की हौसलाअफ़ज़ाई करें. इन पैरा-चैंपियंस के लिए चिल्लाओ, दिखाओ जज़्बा, मचाओ हो-हल्ला… गली-मोहल्ला.