कुश्ती (Wrestling) भारत का प्राचीन खेल है. खशाबा दादासाहेब जाधव (KD Jadhav) आज़ाद भारत के पहले एथलीट थे, जिन्होंने 1952 के ‘हेलसिंकी ओलंपिक’ में देश को पहला मेडल दिलाया था. इस दौरान रेसलर केडी जाधव ने ‘कांस्य पदक’ जीता था. वो ओलंपिक में व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट थे. 56 साल बाद साल 2008 में ‘बीजिंग ओलंपिक’ के दौरान रेसलर सुशील कुमार ने भारत को दूसरा मेडल (ब्रोंज़) दिलाया था. भारतीय रेसलर्स ओलंपिक (Olympics) में अब तक 7 मेडल जीत चुके हैं.

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ओलंपिक (Olympics) में भारतीय रेसलर्स (Indian Wrestlers) को काफ़ी महत्व दिया जाता है. इस दौरान भारतीय रेसलर्स के देसी ‘दांव-पेच’ देख विदेशी पहलवान चौंक जाते हैं. लेकिन इन देसी दांव-पेच को सीखने के लिए भारतीय रेसलर्स को काफ़ी ख़ून पसीना बहाना पड़ता है. देसी अंदाज़ में कुश्ती के दौरान दांव-पेच एक ऐसा शब्द है जो रेसलर्स की हार-जीत तय करता है. किसी ‘दांव’ को पूरा करने के लिए किए जाने वाले प्रयास को ही ‘पेंच’ कहा जाता है. अगर आपके ‘पेंच’ सही हुए तो ‘दांव’ भी ज़ोरदार लगेगा.

चलिए आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही देसी ‘दांव-पेच’ के बारे में भी बता देता हैं, जिनके दम पर भारतीय पहलवानों ने दुनियाभर में देश का नाम रौशन किया है.

1- कलाजंग दांव

ये भारत के सबसे प्राचीन दांव में से एक है. इस दांव में पहलवान अपने विरोधी को उसके पेट के बल पकड़कर अपने कंधों पर उठा लेता है और फ़िर उसे पीठ के बल पटक देता है. इस दांव के लिए ताकत और फ़ुर्ती की बराबर ज़रूरत होती है. मशहूर WWF रेसलर जॉन सीना इस दांव का इस्तेमाल काफ़ी करते हैं.

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2- निकाल दांव

ये रेसलिंग का सबसे प्रमुख दांव है. आज भी देश के गांव-देहातों में होने वाले दंगलों में ये दांव का काफ़ी इस्तेमाल होता है. इस दांव में पहलवान अचानक झुक कर अपने प्रतिद्ंवद्वी की टांगो के बीच में निकल जाता है और उसे कंधों से उठा कर ज़मीन पर पटक देता है. कई रेसलर इस एक दांव के बल पर अपने प्रतिद्वंद्वी को चित्त कर देते हैं.

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3- टंगी दांव

इसे टंगी या ईरानी दांव भी कहा जाता है. इस दांव में अक्सर बड़े पहलवान को फ़ायदा मिलता है क्योंकि हल्के पहलवान को उठाना आसान हो जाता है. ये भारतीय रेसलर राजीव तोमर का प्रिय दांव है. इसका इस्तेमाल से उन्होंने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के बड़े-बड़े पहलवानों को चित्त किया है.

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4- सांडीतोड़ दांव

भारत में कुश्ती के दौरान ये शब्द अक्सर सुनने को मिल जाता है. सांडीतोड़ का मतलब हाथ मरोड़ना होता है. भारतीय रेसलर्स अक्सर कुश्ती के दौरान चालाकी से विरोधी पहलवान का मरोड़ देते हैं और वो दर्द के मारे बिलखने लगता है.

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5- बगलडूब दांव

बगलडूब का मतलब विरोधी पहलवान के बगल के नीचे से निकल जाना होता है. इस दांव में विपक्षी पहलवान को लगता है आप उसे उठाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय पहलवान तेज़ी से उसकी बगल के नीचे से निकलकर उसे पीछे से जकड़ लेता है और ज़मीन पर पटक देता है.

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6- धोबी पछाड़ दांव

कुश्ती के इस दांव के बारे में कौन नहीं जनता. ये एक ऐसा दांव है जो सामने वाला पहलवान को चारों खाने चित कर देता है. इसमें विपक्षी पहलवान को कंधे पर उठाकर पीठ के बल पटकन होता है. ठीक वैसे ही जैसे धोबी कपड़े को ज़मीन पर पटकता है. इसीलिए इसे ‘धोबी पछाड़ दांव’ कहते हैं.

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7- कांखी दांव

कुश्ती में ये दांव काफ़ी मशहूर है. इस दांव में एक पहलवान अपने विरोधी पहलवान को दोनों हाथों से मज़बूती से पकड़ लेता है. इससे उसके कंधे के नीचे यानि बगल की मुवमेंट बंद हो जाती है. इसके बाद धीरे-धीरे वो विरोधी के पूरे शरीर पर काबू पा लेता है और उसे थकाकर पॉइंट्स हासिल कर लेता है.

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8- जांघिया दांव

भारत में आज भी कुश्ती लड़ते समय जांघिया पहनना अनिवार्य होता है क्योंकि ये कुश्ती की पारंपरिक पोशाक है. जांघिये के कारण ही इस दांव को ‘जांघिया दांव’ कहा जाता है. इस दांव के दौरान दोनों रेसलर एक दूसरे का जांघिया कसकर पकड़ लेते हैं. इसके बाद जो पहलेअपने विरोधी के पैर ज़मीन से उठा कर उसे पटक देता है वो जीत जाता है. इस दांव में ताक़त और संतुलन की ज़रूरत होती है. हालांकि, इसे ओलिंपिक या किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में इस्तेमाल नहीं किया जाता.

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