International Olympic Committee(IOC) ने भविष्य में भारत को किसी भी प्रकार के ओलंपिक इवेंट्स होस्ट करने से बैन कर दिया है. ये फ़ैसला कमिटी ने तब लिया है, जब भारत में चल रहे अंतरराष्ट्रीय शूटिंग वर्ल्डकप के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तानी शूटर्स को वीज़ा देने से इंकार कर दिया.

दरअसल, इन दिनों दिल्ली में 2020 ओलंपिक के लिए शूटिंग का क्वालिफ़ाइंग वर्ल्ड कप चल रहा है. इसके लिए पाकिस्तानी सरकार ने अपने दो शूटर्स जी.एम. बशीर और ख़ालिद अहमद के नाम भेजे थे. हालांकि भारत सरकार ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से रिश्तों में आई तल्ख़ी के कारण उन्हें वीज़ा नहीं दिया है. इस बारे में नेशनल राइफ़ल्स एसोसिएशन ऑफ़ पाकिस्तान ने IOC से शिकायत की थी.

उसके बाद IOC की हुई एक मीटिंग में भारत को भविष्य में ओलंपिक से संबंधित किसी भी इवेंट की मेज़बानी करने से बैन करने का फ़ैसला लिया गया.
IOC ने बयान जारी करते हुए कहा, जब तक भारत सरकार लिखित में खिलाड़ियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करने का लिखित आश्वासन नहीं देती है, तब तक उसे भविष्य में IOC के किसी भी इंवेंट की मेज़बानी करने के लिए बैन किया जाता है.
#FLASH International Olympic Committee has suspended all discussions with India on hosting any international event until clear written guarantees are obtained from the Indian government of complying with the Olympic Charter. https://t.co/a9S4uiP5l1
— ANI (@ANI) February 22, 2019
साथ ही IOC ने दिल्ली में चल रहे शूटिंग वर्ल्ड कप से ओलंपिक कोटा भी हटा लिया है. इसके अलावा उसने अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन से भी भारत में किसी प्रकार की खेल प्रतियोगिता आयोजित न करने की अपील की है.
IOC Executive Board revokes Olympic qualification status of men’s 25m rapid fire pistol event in New Delhihttps://t.co/SuoM8rRJgD
— IOC MEDIA (@iocmedia) February 21, 2019
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होने चाहिए के नहीं, इस पर भी बहस जारी है. Indiatoday की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई पूर्व खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से आने वाले वर्ल्ड कप में भारत को पाकिस्तान के साथ कोई भी मैच न खेलने की बात कही है.

जहां तक खेल की बात है, किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में सबसे पहले तरजीह खेल को दी जाती है, न कि राजनीति को. किसी भी देश में चल रहे इंवेंट में अपनी सारी तल्खियों को भुलाकर खेल को खेल भावना से खेलने की शर्त रखी जाती है, जिससे सभी सहमत होते हैं. अगर इसका कोई उल्लंघन करता है, तो उसके ख़िलाफ नियमों के हिसाब से कार्रवाई की जाती है. ऐसा ही फ़ैसला आईओसी ने किया है.