इन दिनों दुनियाभर में FIFA वर्ल्ड कप की धूम है. फ़ुटबॉल के दीवानों के लिए ये किसी उत्सव से कम नहीं है. अपने फ़ेवरेट स्टार को टीवी पर तो हर कोई देखता सकता है. लेकिन मैदान पर जाकर देखने की बात ही अलग होती है. लेकिन हमेशा की तरह फ़ुटबॉल मैदान से हर दिन कोई न कोई चटपटी ख़बर सुनने को मिल ही जाती है. कभी मेसी पेनल्टी किक मिस कर देते हैं, तो कभी रोनाल्डो गोल की हैट्रिक मारते दिख जाते हैं.

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मंगलवार को FIFA वर्ल्ड कप की दो टीमों जापान और कोलंबिया के बीच एक कड़ा मुक़ाबला खेला गया. इस मुक़ाबले में जापान ने अपने से कहीं मज़बूत कोलंबिया को 2-1 से हराकर इतिहास रच दिया. इस शानदार जीत के साथ ही जापान एशिया का पहला देश बन गया है जिसने FIFA वर्ल्ड कप में किसी साउथ अमेरिकन टीम को हराया है. इस मैच के दौरान जापानी टीम को उनके समर्थकों का भरपूर साथ मिला. कई फ़ुटबॉल प्रेमी अपनी टीम की हौंसला अफ़जाई के लिए स्टेडियम में मौजूद थे.

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लेकिन मैच के दौरान इस वर्ल्ड कप का पहला रेड कार्ड भी देखने को मिला. जब कोलंबिया के डिफ़ेंडर Carlos Sanchez को रेफ़री ने रेड कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया. जापान की टीम ने इसका भरपूर फ़ायदा उठाते हुए कोलंबिया को 2-1 से मात दी.

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भले ही जापान की टीम ने मैच जीतकर सबका दिल जीता लिया हो. लेकिन असल में दिल जीतने का काम तो जापानी समर्थकों ने किया. दरअसल, मैच के दौरान दर्शकों ने स्टेडियम में खाने-पीने की चीज़ें सीट के आस-पास फ़ेंक दी थी जिससे ग्राउंड स्टाफ़ को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन जापान ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि वो न सिर्फ़ टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के बेस्ट लोग होते हैं, बल्कि वो उच्च आत्म सम्मान भी रखते हैं. मैच ख़त्म होने के बाद जब सभी दर्शक स्टेडियम से बाहर निकलने लगे, तो जापानी समर्थक सीटों के आस-पास फ़ैला कूड़ा बीनने में मशगूल थे.

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चार साल पहले ब्राज़ील में भी जापान की टीम ने कुछ इसी तरह का सन्देश दिया था. जब टीम आईवरी कोस्ट से 2-1 की मात खाने के बाद भी ग्राउंड स्टाफ़ के साथ सफ़ाई करने में जुट गयी थी.

टीम की जीत की ख़ुशी में कुछ समर्थक अपना आपा तक खो बैठते हैं और हुड़दंग मचाना शुरू कर देते हैं. लेकिन जापानियों ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि आख़िर जापान की सभ्यता क्या है.

लेकिन इस वर्ल्ड कप में सिर्फ़ जापानी ही नहीं, बल्कि पोलैंड से 2-1 से हारने के बावजूद सेनेगल के समर्थकों ने भी स्टेडियम की सफ़ाई करने में अपना योगदान दिया.

जापान और सेनेगल के समर्थकों ने सफ़ाई को जो सन्देश दिया, इस पर सभी को अमल करने की ज़रुरत है.