जसप्रीत बुमराह मौजूदा दौर में वनडे क्रिकेट के नंबर वन गेंदबाज़ हैं. सचिन तेंदुलकर भी बुमराह को मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ बता चुके हैं.
मौजूदा दौर में बुमराह एक ऐसे गेंदबाज़ के तौर पर जाने जाते हैं, जो अंतिम क्षणों में मैच का पासा पलट देते हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्लॉग ओवरों के दौरान उन जैसा गेंदबाज़ दूसरा कोई नहीं है.
टीम इंडिया जब भी आख़िरी क्षणों में मुसीबत में होती है, बुमराह ही टीम को मुसीबत से बाहर निकालने का काम करते हैं. उन्होंने कई मौकों पर अंतिम ओवरों में शानदार गेंदबाज़ी करके टीम को जीत दिलाई है.
गुजरात के अहमदाबाद में जन्मे जसप्रीत बुमराह ने डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद साल 2012 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए अपना आईपीएल डेब्यू किया था. उन्होंने अपने पहले ही मैच में विराट कोहली समेत 3 विकेट चटकाकर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. उस सीज़न उन्हें सिर्फ़ 2 मैच ही खेलने को मिले.
इसके बाद आईपीएल 2014 व 2015 सीजन में वो कुछ ख़ास कर नहीं पाए. साल 2016 में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भारतीय टीम में जगह मिली. बुमराह ने आईपीएल 2016 सीज़न में धमाकेदार वापसी करते हुए 14 मैचों में 15 विकेट चटकाए. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज बुमराह दुनिया का नंबर एक गेंदबाज़ हैं.
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जसप्रीत बुमराह ने कड़ी मेहनत की है. जब वो मात्र 5 साल के थे उनके पिता का देहांत हो चुका था. सिंगल मदर होने के चलते मां दलजीत ने कई परेशानियों का सामना करके जसप्रीत और उनकी बहन को पाला. जब दोनों बच्चे सो जाते थे, उस वक़्त दलजीत स्कूल में पढ़ाने जाया करती थीं.
करीब 8 साल की उम्र से ही बुमराह ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. मां चाहती थीं कि वो क्रिकेट के बजाय वो अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे, लेकिन बुमराह को बस क्रिकेटर ही बनना था. इसके लिए वो घर में ही सीमेंट की फ़र्श पर जमकर गेंदबाज़ी की प्रैक्टिस किया करते थे.
Netflix की डॉक्युमेंट्री क्रिकेट फ़ीवर : मुंबई इंडियंस से बातचीत के दौरान दलजीत बताया, ‘जब जसप्रीत आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए चुना गया, उस दिन में उन्हें रोने से रोक नहीं पाई. उसे पता है कि मैंने अपने दोनों बच्चों को पालने में Financially और Physically काफ़ी दुःख झेले हैं. इंसान को सबसे बुरा तब लगता है, जब आप अपने बच्चों को वो चीज़ नहीं दिला पाते जो उन्हें चाहिए होती है. तमाम तक़लीफ़ों के बावजूद दलजीत ने अपने दोनों बच्चों को मां और पिता दोनों का प्यार दिया.’
Mom you have worked really hard all your life, you’ve done it for us. From a teacher to a principal, now you are retiring. You’ve had such a successful career and we’re proud of you. Now it’s time for us to take care of you. Put your feet up and relax mom. We love you. 🤗🤗 pic.twitter.com/yOjaV2yktB
— Jasprit bumrah (@Jaspritbumrah93) April 29, 2019
‘एक दिन हम जसप्रीत के लिए जूते ख़रीदने के लिए रीबॉक स्टोर गए, मुझे मालूम था कि मैं उसे ये जूते नहीं दिला पाउंगी. जब मैंने उस जूते की ओर देखा तो जसप्रीत बोला मां, देखना मैं एक दिन इस जूते को ज़रूर खरीदूंगा. जसप्रीत ने आज वो कर दिखाया जो वो हमेशा से चाहता था. आज उसके पास एक नहीं बल्कि कई जोड़ी जूते हैं. मां होने के नाते मैं उसकी अचीवमेंट से बेहद ख़ुश हूं.’
एक अच्छे गेंदबाज़ होने के साथ-साथ जसप्रीत बुमराह ऑन ग्राउंड भी अपने अच्छे व्यवहार के लिए जाने जाते हैं.
आईपीएल फ़ाइनल के दौरान जब बुमराह पारी का 19 वां ओवर कर रहे थे तो उस दौरान विकेटकीपर क़्विन्टन डीकॉक उनकी एक गेंद को पकड़ नहीं पाए और गेंद 4 रन के लिए बाउंड्री पार कर गयी.
For me this was the best moment of the entire #IPL2019 . With the trophy on line , Quinton de Kock lets one through and it races to the fence . A distraught de Kock thought he had spilled the cup. Jasprit Bumrah the bowler walks up to him and puts an arm around .
— Anish Ancil (@anishancil) May 12, 2019
ABSOLUTE CLASS. pic.twitter.com/HnAHTKlgSh
इस दौरान क़्विन्टन डीकॉक काफ़ी परेशान दिखे, तो बुमराह उनके पास आये और गले लगाकर उनका मूड ठीक करने की कोशिश की.