इस साल ऑल इंडिया फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन ने फ़ीफा अंडर 17 विश्व कप के लिए 21 सदस्य टीम का ऐलान किया था तो देश के एक राज्य ने दूसरे सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया था.

ये राज्य था मणिपुर. 21 लोगों की इस टीम में लगभग एक तिहाई यानि 8 खिलाड़ी तो केवल मणिपुर से ही थे. टीम के कप्तान अमरजीत सिंह कियाम की तरह ही जैकसन सिंह भी मणिपुर से ही आते हैं. खास बात ये है कि दोनों ही खिलाड़ियों को फ़र्राटेदार पंजाबी आती है. 

फ़ीफ़ा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गए जैकसन सिंह को फुटबॉलर बनाने में उनकी मां ने कड़ा संघर्ष किया है. दो साल पहले पिता की नौकरी जाने के बाद परिवार का गुज़ारा मां ने सब्जी बेचकर किया लेकिन इतने कठिन हालात में भी जैकसन का फुटबॉल को लेकर जुनून कम नहीं हुआ.

अब ये मिडफ़ील्डर फ़ीफ़ा अंडर-17 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा है. भारत की 21 सदस्यीय टीम के सदस्य जैकसन मणिपुर के थोउबल ज़िले के हाओखा ममांग गांव के हैं. उनके पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को 2015 में पक्षाघात हुआ और उन्हें मणिपुर पुलिस की अपनी नौकरी छोड़नी पडी. उनके परिवार का खर्च मां इंफाल के ख्वैरामबंद बाज़ार में सब्ज़ी बेचकर चलाती हैं, जो घर से 25 किलोमीटर दूर है.

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जैकसन ने कहा, ‘जब मैं 2010 में घर से चंडीगढ़ आया, तब सब कुछ ठीक था लेकिन मेरे पिता को 2015 में पक्षाघात आया और अब वो आजीविका कमाने की स्थिति में नहीं हैं. मेरी मां और नानी इंफाल में सब्ज़ी बेचती हैं और इसी से हमारा घर चलता है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं बचपन से भारत के लिए खेलने का सपना देखता आया हूं और अब मेरी ज़िंदगी बदल गई है. मैं विश्व कप में भारत की जर्सी पहनने को बेताब हूं, हालांकि परिवार की स्थिति को लेकर भी चिंतित हूं’

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जैकसन के बड़े भाई जोनिचंद सिंह कोलकाता प्रीमियर लीग में पियरलेस क्लब से खेलते हैं, लेकिन उनकी आय से परिवार की दशा में ज़्यादा सुधार नहीं आया. जैकसन को 2015 में चयनकर्ताओं की उपेक्षा भी झेलनी पड़ी जब वो चंडीगढ़ में अकादमी में थे. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंडर-17 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई. पहले चंडीगढ़ फुटबॉल अकादमी के साथ खेलने वाले जैकसन बाद में मिनर्वा से जुड़े और राष्ट्रीय अंडर-15 तथा अंडर-16 खिताब जीतने वाली टीम की कप्तानी भी संभाली.

6 फीट 2 इंच लंबे जैकसन भारत की अंडर 17 विश्व कप टीम में सबसे लंबे प्लेयर हैं. उन्होंने कहा कि ‘लोगों को लगता है कि भारत का फ़ुटबॉल स्तर बेहद खराब है लेकिन ये एक गलत धारणा है. हम भले ही कमज़ोर हों लेकिन हमें अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है. हमने यूरोप जाकर ट्रेनिंग की है और हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को  बेताब हैं.’

गौरतलब है कि भारत, अंडर 17 फ़ुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी करने जा रहा है. तीन सप्ताह तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूथ टीमें एक दूसरे से मुकाबला करेंगी.