उत्तराखंड को अलग राज्य बने क़रीब 18 साल हो चुके हैं. राजनीति के चलते उत्तराखंड में इतने सालों से क्रिकेट बोर्ड भी नहीं बन पाया था. जिससे ऋषभ पंत, मनीष पांडे, उंमुक्त चंद, पवन नेगी, पवन सुयाल, कमलेश नागरकोटी, पुनीत बिष्ट, अनुज रावत और आयुष बड़ौनी जैसे कई युवा क्रिकेटर दूसरे राज्यों के लिए क्रिकेट खेलने को मजबूर थे.
साल 2015 में ‘उत्तराखंड क्रिकेट बोर्ड’ को BCCI की मेम्बरशिप मिली, जबकि इसी साल उत्तराखंड की क्रिकेट टीम को पहली बार ‘विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी’ में खेलने का मौका मिला. अपने पहले ही टूर्नामेंट में उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया है. सबसे ख़ास बात रही उत्तराखंड के एक बल्लेबाज़ जिसने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसे गावस्कर, सचिन, विराट और धोनी जैसे दिग्गज भी नहीं बना पाए थे.
उत्तराखंड के ओपनर बल्लेबाज़ कर्णवीर कौशल विजय हज़ारे ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बन गए हैं. 50 ओवरों के इस टूर्नामेंट में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी बल्लेबाज़ ने 200 का आंकड़ा पार किया है. उत्तराखंड और सिक्किम के बीच खेले गए इस मुक़ाबले में कर्णवीर ने 135 गेंदों पर शानदार 202 रन की मैराथन पारी खेली. इस टूर्नामेंट का पिछला बेस्ट स्कोर 187 का था जो अजिंक्य रहाणे ने बनाया था.
कर्णवीर विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ी करने में यकीन रखते हैं. उन्होंने पहले 38 गेंदों पर 50 पूरे किए, फिर 71 गेंदों पर शतक जमाया, 101 गेंदों पर 150 का आंकड़ा छुआ जबकि 132 गेंदों पर दोहरा शतक ठोक दिया. इस दौरान कर्णवीर ने 18 चौके और 9 छक्के भी लगाए. गुजरात के नाडियाड में शनिवार को हुए इस मुक़ाबले में उत्तराखंड ने निर्धारित 50 ओवरों में 2 विकेट खोकर 366 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में सिक्किम की टीम पूरे 50 ओवर खेलकर मात्र 167 रन ही बना पाई. इसके साथ ही उत्तराखंड ये मैच 199 रनों से जीत गया.
कर्णवीर ने विनीत सक्सेना के साथ पहले विकेट लिए 296 रनों की साझेदारी की. ये साझेदारी भी इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी साझेदारी है. इससे पहले साल 2007 में शिखर धवन और आकाश चोपड़ा ने दिल्ली के लिए खेलते हुए पंजाब के ख़िलाफ़ 277 रनों की साझेदारी की थी.
मैच के बाद कौशल ने कहा कि ‘मुझे बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि मैं डबल सेंचुरी भी मार पाऊंगा. मैं सिर्फ़ खेलने का मज़ा ले रहा था जब 170 पर खेल रहा था तो लगा था कि थोड़ा और अच्छे से खेला तो 200 मार भी सकता हूं. दोहरा शतक मारने के बाद मैं बेहद ख़ुश था, जब ड्रेसिंग रूम में आया तो पता चला कि ऐसा पहली बार हुआ है’.
कर्णवीर ने बताया कि ‘मैं पिछले 8-10 सालों से उत्तर प्रदेश की टीम में शामिल होने की कोशिश कर रहा था लेकिन मौका नहीं मिल पाया. मैंने इसके लिए कई कैंप अटैंड किए, मगर सलेक्ट नहीं हो पाया. विजय हज़ारे कैंप भी अटैंड किये थे मगर कंपीटिशन इतना था कि मौका ही नहीं मिला.
27 साल के कर्णवीर कौशल अब तक 7 List – A मैच खेल चुके हैं जिसमें वो तीन सेंचुरी भी ठोक चुके हैं. पहली सेंचुरी (101) पुडुचेरी के ख़िलाफ़, दूसरी मिज़ोरम (118) इसके बाद सिक्किम के ख़िलाफ़ 202 रन की धमाकेदार पारी खेलकर सबको चौंका दिया. इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 3 शतक मारने के मामले में कर्णवीर सबसे आगे हैं.
उत्तराखंड विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में खेले गए 7 मैचों में से 6 मैच जीतकर प्लेट ग्रुप में बिहार के बाद 24 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर मौजूद है.