Karnam Malleswari: भारत की आज़ादी को क़रीब 74 साल हो चुके हैं. आज़ादी के बाद भारत में ऐसे कई विश्व विजेता खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने देश विदेश में भारत का गौरव बढ़ाया है. भारत में क्रिकेटरों को छोड़ दें तो हमें शायद ही देश के किसी अन्य चैंपियन खिलाड़ी का नाम याद होगा. लेकिन भारतीय धरती पर के.डी. जाधव से लेकर अभिनव बिंद्रा तक ऐसे कई विश्व स्तरीय एथलीट हुए हैं, जिन्हें आज भी पूरी दुनिया याद करती है, लेकिन हमारे देश में इन चैंपियन खिलाड़ियों को रिटायरमेंट के बाद भुला दिया जाता है.
ये भी पढ़ें- ये 10 ‘Self Made’ खिलाड़ी इसका उदाहरण हैं कि सिस्टम खिलाड़ी के काम उसकी कामयाबी के बाद आता है
पिछले 7 दशकों में भारत में ‘खेल’ महिलाओं के लिए बंदिशों को तोड़कर उड़ने से कम न था. भारत में कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने खेल की दुनिया में अपना परचम लहराया है. इन्हीं महिलाओं में से एक एथलीट कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) भी हैं, जो ओलंपिक में देश को पदक दिलाने वाली पहली भारतीय महिला हैं. लेकिन 22 साल पहले देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी आज कहां हैं और किस हाल में हैं?
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
कौन हैं कर्णम मल्लेश्वरी?
आंध्रप्रदेश की रहने वाली कर्णम मल्लेश्वरी भारत को ‘ओलंपिक मेडल’ दिलाने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं. वो भारत की एक बेहतरीन वेटलिफ्टर रही हैं. उन्होंने कई तरह की परेशानियों को झेलते हुए विश्व स्तर पर भारत का नाम रौशन किया था. मल्लेश्वरी ने अपने करियर की शुरुआत 12 साल की उम्र में कोच नीलमशेट्टी अपन्ना के अंडर की थी. सन 1994 और 1995 में वेटलिफ़्टिंग के 54 किग्रा वर्ग में वर्ल्ड टाइटल जीतकर मल्लेश्वरी सनसनी फ़ैला दी थी. कर्णम मल्लेश्वरी को आज लोग ‘द आयरन लेडी’ के नाम से भी जानते हैं.
कब और कहां जीता था मेडल?
कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 2000 में ‘सिडनी ओलंपिक’ के दौरान ‘ब्रोंज़ मेडल’ जीतकर पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया था. मेडल जीतने के साथ ही उन्होंने भारतीय खेल इतिहास अपन नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज़ करा लिया था. इस दौरान वो भारत की पहली महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बनी थीं. सिडनी ओलंपिक में कर्णम ने वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के स्नैच श्रेणी राउंड में 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क राउंड में 130 किलोग्राम का भार उठाया था. इस तरह से दोनों राउंड मिलाकर उन्हें तीसरा स्थान मिला था.
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
अपनी कमज़ोरी को बनाया ताक़त
कर्णम मल्लेश्वरी के पिता फुटबॉल खिलाड़ी थे और उनकी 4 बहनें भी वेटलिफ़्टिंग करती थीं. कर्णम बचपन में शारीरिक रूप से काफ़ी कमज़ोर थीं, वो ज़रा सा भार भी नहीं उठा सकती थी, जबकि उनकी बहनें बेहतरीन वेटलिफ़्टिंग करती थीं. एक वक़्त तो ऐसा भी आया जब अपनी इस कमज़ोरी की वजह से कर्णम ने वेटलिफ़्टिंग छोड़ने का फ़ैसला तक कर लिया था, लेकिन मां ने उस वक्त कर्णम का हौसला बढ़ाया और विश्वास दिलाया कि वो सिर्फ़ और सिर्फ़ वेटलिफ़्टिंग के लिए ही बनी हैं.
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
1990 में हुई करियर की शुरुआत
कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 1990 के ‘एशियाई खेलों’ में लगें कैंप में वो दर्शक के तौर पर गईं थीं. वहां विश्व चैंपियन ‘लियोनिड तारानेंको’ भी वहीं आईं थीं. इस दौरान कर्णम विश्व चैंपियन ‘लियोनिड तारानेंको’ से इस कदर प्रेरित हुईं कि उन्होंने देश के लिए मेडल लाने की कसम खा ली. इसके बाद उन्होंने अपने गेम पर पूरी तरह से फ़ोकस करना शुरू कर दिया, कुछ ही समय बाद कर्णम की वेटलिफ़्टिंग को देखने के बाद उन्हें ‘बैंगलोर स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट’ में भेजा गया. इसके बाद कर्णम ने जूनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के दौरान 9 रिकॉर्ड तोड़ डाले.
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीते 2 गोल्ड मेडल
कर्णम मल्लेश्वरी ने पहली बार साल 1993 में ‘वर्ल्ड चैंपियनशिप’ के दौरान 54 किलोग्राम भारवर्ग में ‘ब्रोंज़ मेडल’ अपने नाम किया. इसके बाद साल 1994 और 1995 में कर्णम ने ‘वर्ल्ड चैंपियनशिप’ का ख़िताब अपने नाम किया. जबकि साल 1996 में वो ‘ब्रोंज़ मेडल’ विजेता रहीं. इसके अलावा 1994 और 1998 के ‘एशियन गेम्स’ में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. आख़िरकार साल 2000 में ‘सिडनी ओलंपिक्स’ में पहली बार महिला वेटलिफ्टिंग को खेलों में शामिल किया गया. पहली बार में ही उन्होंने ‘ब्रोंज़ मेडल’ इतिहास रच दिया.
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
अब कहां हैं और क्या कर रही हैं कर्णम मल्लेश्वरी
कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 1997 में वेटलिफ़्टर राजेश त्यागी से शादी की थी. साल 2004 के ‘एथेंस ओलंपिक’ में ख़राब प्रदर्शन के बाद उन्होंने खेल से रिटायरमेंट ले लिया था. कर्णम मल्लेश्वरी वर्तमान में अपने पति त्यागी और बेटे के साथ हरियाणा के यमुनानगर में रहती हैं. वो ‘भारतीय खाद्य निगम’ में चीफ़ जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा जून 2021 में दिल्ली सरकार ने उन्हें ‘स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी’ के कुलपति के रूप में नियुक्त किया था.
Karnam Malleswari An Olympic Medal Winner
ये भी पढ़ें- वो 8 क्रिकेटर्स जिनकी पत्नियां भी हैं मशहूर खिलाड़ी, कुछ ने तो क्रिकेटर्स से ही रचाई शादी
कर्णम मल्लेश्वरी को उनके शानदार खेल करियर के लिए साल 1994 में ‘अर्जुन पुरस्कार’, साल 1999 में ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’, जबकि साल 1999 में ‘पद्म श्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था.