भारत और पाकिस्तान की टीमें जब भी एक-दूसरे के ख़िलाफ़ मैदान पर आती हैं, तो वहां का माहौल देखने लायक होता है. इन दोनों टीमों के बीच जब भी कोई मुक़ाबला होता है खिलाड़ियों का आपस में भिड़ना आम बात है.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और पाकिस्तान के बीच 1992 वर्ल्ड कप का एक मैच खेला गया था. इस दौरान भारत के विकेटकीपर किरण मोरे और पाकिस्तानी बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद के बीच हुई नोकझोंक ने काफ़ी सुर्ख़ियां बटोरी थी.
दरअसल, मैच के दौरान जब किरण मोरे कीपिंग कर रहे थे उस समय मियांदाद अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे. किरण मोरे बार-बार अपील कर रहे थे, जिससे जावेद मियांदाद चिढ़ रहे थे. इस बीच एक बार मोरे ने पिच पर कूदते हुए रन आउट की अपील की, इस पर जावेद नाराज़ हो गए और दोनों के बीच कहासुनी हो गयी.
अगली ही गेंद पर मोरे ने मियांदाद को रन आउट करने के लिए स्टंप की गिल्लियां उड़ा दीं, लेकिन जावेद क्रीज़ के अंदर थे और मोरे इसमें सफ़ल नहीं हो पाए. इसके बाद मोरे कुछ समझ पाते इससे पहले मियांदाद उनके आगे जोर-जोर से उछलने लगे. भारत अपनी रणनीति में क़ामयाब रहा और मियांदाद जल्द ही 40 रन बनाकर आउट हो गए.
इस विवाद के बाद भी भारत ने इस मैच में 43 रन की शानदार जीत हासिल की थी. भारत से करारी हार के बावजूद पाकिस्तान पहली बार इमरान ख़ान की कप्तानी में 1992 वर्ल्ड कप चैंपियन बना था.
किरण मोरे एक ऐसे विकेटकीपर हुआ करते थे जो विकेट के पीछे से कुछ न कुछ बोलकर बल्लेबाज़ को प्रेशर में डाल देते थे.
इस घटना को आज भी क्रिकेट इतिहास के सबसे मज़ेदार किस्से के तौर पर याद किया जाता है.