15 साल बेमिसाल! 


टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेटिंग करियर को देखकर तो उनका परिचय कुछ इसी तरह से बनता है. आज से करीब 15 साल पहले 23 दिसंबर, 2004 को धोनी ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपना पहला मैच खेला था. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन यही माही भारतीय क्रिकेट का चेहरा बन जायेंगे. 

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ये शून्य से शिखर तक पहुंचने की दस्तान है. अपने पहले ही मैच में धोनी भले ही शून्य पर रन आउट हो गए थे, लेकिन इसके बाद वो कभी टीम से आउट नहीं हुए. टीम में ऐसे टिके कि भारत को सीधे T-20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी जैसे बड़े ख़िताब दिलाकर ही माने.  

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आज धोनी अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं, पीछे मुड़कर देखें तो धोनी अपने पीछे लाखों सपने छोड़ आए हैं. ये वो सपने हैं जो कल के दिन भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर ले जाएंगे.   

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क्रिकेट के भगवान सचिन कहते हैं, ‘धोनी बेहद शार्प हैं और हमेशा अलर्ट रहते हैं. वो परिस्तिथियों को अच्छे से समझते हैं और हमेशा सुझावों का स्वागत करते हैं. वो मुश्किल वक्त में कभी भी धैर्य नहीं खोते, यही उनकी सबसे बड़ी ताक़त है.’ 

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दुनियाभर में धोनी के करोड़ों फ़ैंस में से एक फ़ैन मैं भी हूं. एक खिलाड़ी के तौर पर मैंने धोनी में बहुत कुछ देखा है-

1- क्रिकेट की अच्छी समझ  

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क्रिकेट की जो समझ धोनी के पास है वो मैंने आज तक किसी और क्रिकेटर में नहीं देखी. मैदान पर जब धोनी जैसे जानकार हों तो मैच के नतीजे कुछ अलग ही होते हैं. विपक्षी बल्लेबाज़ अगर एक कदम आगे की सोचकर मैदान पर उतरता है तो धोनी उसे आउट करने के लिए दस कदम आगे की सोच लेते हैं.  

2- दुनिया का बेस्ट फ़िनिशर  

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इसमें कोई दो राय नहीं है कि धोनी दुनिया के सबसे बड़े फ़िनिशर हैं. टीम इंडिया जब भी अंतिम क्षणों में मुश्किल में घिरी है धोनी ने भारत को जीत दिलाई है. अंतिम गेंद पर छक्का मारकर जीत दिलाना धोनी का स्टाइल है. वो लंबे बालों वाला धोनी मुझे आज भी पसंद हैं.  

3- सफ़ल और बेहतरीन कप्तान  

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महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफ़ल कप्तान हैं. धोनी एक ऐसे कप्तान थे जो हर खिलाड़ी के कमज़ोर और मजबूत पक्ष को अच्छे से जनते थे. टीम को एकजुट करके मैच जिताना सिर्फ़ धोनी से सीखा जा सकता है.  

4- डीआरएस किंग  

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महेंद्र सिंह धोनी को डीआरएस किंग भी कहा जाता है. शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब धोनी के डीआरएस फैसले ग़लत हुए हों. विराट कोहली टीम के कप्तान हैं लेकिन डीआरएस के फ़ैसले वो धोनी से ही पूछकर लेते हैं.  

5- स्टम्पिंग के जादूगर  

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विकेटकीपर के तौर पर धोनी गिलक्रिस्ट, संगकारा, बाउचर के लेवल के माने जाते हैं. लेकिन स्टम्पिंग के मामले में धोनी इन सबसे कहीं आगे हैं. ऐसे कम ही मौके होते हैं जब बल्लेबाज़ धोनी की स्टम्पिंग पाए. धोनी सबसे अधिक स्टम्पिंग करने वाले विकेटकीपर हैं.  

6- फ़िट भी और हिट भी  

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38 साल की उम्र में भी धोनी में 20 साल के युवा क्रिकेटरों जितने ही फ़िट हैं. रनिंग हो या फिर विकेट के पीछे स्टम्पिंग करना धोनी हर वक़्त चुस्तदुरुस्त बने रहते हैं. यो यो टेस्ट में भी धोनी युवा खिलाड़ियों को पछाड़ देते हैं.  

7- मिस्टर कूल धोनी  

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हर खिलाड़ी के लिए मैदान पर संयम बरतना बेहद ज़रूरी होता है. इस मामले में धोनी से बेहतर कोई नहीं. मैच की परिस्तिथियां चाहे कैसी भी क्यों न हों, धोनी मैदान पर कभी भी अपना आपा नहीं खोते. धोनी को मिस्टर कूल इसीलिए तो कहा जाता है.  

उम्मीद करते हैं कि धोनी अपने शानदार खेल से एक बार फिर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाये.