भारतीय महिला क्रिकेट को आज अगर असल पहचान मिली है, तो इसमें मिताली राज का नाम सबसे पहले आता है. सचिन अगर रिकॉर्ड के बादशाह हैं तो मिताली महिला क्रिकेट की सचिन हैं.

पिछले कुछ सालों में भारत में महिला क्रिकेट को पसंद करने वालों की संख्या काफ़ी बढ़ गई है. मिताली, झूलन, हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना जैसी क्रिकेटरों ने महिला क्रिकेट को एक लेवल पर पहुंचाया है. ख़ासकर मिताली ने न सिर्फ़ भारत में, बल्कि विदेशी धरती पर भी शानदार प्रदर्शन किया है. महिला वर्ल्ड कप हो या फिर टी-20 वर्ल्ड कप, उनका प्रदर्शन शानदार रहा है.
मिताली राज के करियर और जीवन से जुड़ी वो बातें, जिनके बारे में ज़्यादा लोगों को नहीं पता:
1- मिताली 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं.

1- 17 साल की उम्र में आयरलैंड के ख़िलाफ़ डेब्यू मैच में सेंचुरी लगाने वाली पहली भारतीय क्रिकेटर.

3- भारत की सबसे सफ़ल कप्तानों में से एक मिताली 2006 और 2008 में एशिया कप जिता चुकी हैं.

4- वनडे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा (6650) रन बनाने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर.

5- भारत के लिए वनडे में सबसे ज़्यादा 7 शतक और 51 अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर.

6- T-20 क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली भारतीय क्रिकेटर. विराट और रोहित को भी छोड़ा पीछे.

7- इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 407 गेंदों में 214 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान 598 मिनट तक मैदान में रहीं.

8- मितली वनडे क्रिकेट में लगातार 7 हाफ़ सेंचुरी लगाने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं.

9- टी-20 क्रिकेट में लगातार 4 हाफ़ सेंचुरी लगाने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं.

10- मिताली आईसीसी वर्ल्ड कप में 1,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर भी हैं.

11- वनडे क्रिकेट में दूसरा सर्वाधिक स्कोर 178 मिताली के नाम है.

12- महिला क्रिकेट में शानदार योगदान के लिए मिताली को 2003 में अर्जुन अवॉर्ड और 2015 में पद्मश्री से नवाज़ा जा चुका है.

मिताली राज बचपन में भरतनाट्यम डांसर बनना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. आज वो दुनिया की सबसे सफ़ल महिला क्रिकेटर हैं और इसके लिए हम उनके पिता के सदैव आभारी रखेंगे.




