वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. चयन से एक दिन पहले ही महेंद्र सिंह धोनी ने खुद को इस टूर से अलग कर लिया था.
दरअसल, धोनी ने आगामी वेस्टइंडीज दौरे से ख़ुद को अनुपलब्ध बताते हुए दो महीने का ब्रेक लेने का फ़ैसला किया था. इसके लिए उन्होंने बीसीसीआई को अपने फैसले के बारे में टीम सेलेक्शन से पहले ही बता दिया था, कि वो अगले दो महीने अपनी पैराशूट रेज़िमेंट के साथ बिताना चाहते हैं.
Top Army Sources: MS Dhoni’s request to train with the Indian Army has been approved by General Bipin Rawat. He would train with the Parachute Regiment battalion. Some part of the training is also expected to take place in J&K. Army won’t allow Dhoni to be part of any active Op. pic.twitter.com/jMCHExc9JS
— ANI (@ANI) July 21, 2019
अब सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी धोनी के इस आग्रह को मंजूरी दे दी है. धोनी अब दो महीने के लिए पैराशूट रेज़िमेंट में ट्रेनिंग कर सकेंगे. उनकी ट्रेनिंग जम्मू-कश्मीर में हो सकती है, क्योंकि उनकी 106 इंफ़ेंट्री बटालियन कश्मीर में स्टैटिक ड्यूटी के लिए तैनात है. सेना साफ़ तौर पर कह चुकी है कि धोनी इस दौरान सेना के किसी भी ऑपरेशन का हिस्सा नहीं होंगे.
बता दें कि साल 2011 में इंडियन टेरिटोरियल आर्मी ने महेंद्र सिंह धोनी को लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी थी. सेना के लिए धोनी का प्यार जगजाहिर है. उन्हें जब भी समय मिलता है वो किसी ट्रिप पर जाने के बजाय अपनी रेजिमेंट में जाकर ट्रेनिंग लेते हैं. धोनी पहले भी कई बार कह चुके क्रिकेट से संन्यास के बाद वो सेना में फ़ुल टाइम नौकरी करेंगे.
सेना आकर्षित करती है माही को
धोनी कई बार कह चुके हैं कि अगर वो क्रिकेटर न बने होते तो शायद सेना में होते. धोनी की टीशर्ट, ट्राउज़र, कैप ग्लब्ज़ यहां तक कि किट बैग भी सेना के कलर का ही होता है.
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की वो शाखा है जो मुसीबत (प्राकृतिक आपदाओं) में सेना को बैकअप देती है. इसे सेना की दूसरी लाइन भी कहा जाता है. इसमें कोई भी भारतीय नागरिक अपनी इच्छा से आ सकता है. जरूरत पड़ने पर उनको देशसेवा के लिए उपलब्ध होने की स्वीकृति देनी होती है. इसमे वेतन बेहद कम मिलता है. इससे जुड़े लोगों को साल में एक से दो महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. सेवा के लिए तभी बुलाया जाता है जब सेना को ज़रूरत होती है. टेरिटोरियल आर्मी में इस समय लगभग दो लाख लोग शामिल हैं.
धोनी साल 2015 में भी ले चुके हैं ट्रेनिंग
धोनी इससे पहले अगस्त 2015 में आगरा के ‘पैरा प्रशिक्षण स्कूल‘ में स्पेशल फ़ोर्स के साथ एक महीने की ट्रेनिंग कर चुके हैं. धोनी ने उस समय सेना के जवानों के पैराट्रूपर की ट्रेनिंग ली थी. इस दौरान उन्होंने पास होने के लिए पांच पैरा जंप भी लगाई थी. पांचवीं जंप 1250 फ़ीट की ऊंचाई से लगायी थी. धोनी को उस समय सेना द्वारा एक जिप्सी भी उपलब्ध कराई गई थी. इस दौरान उन्होंने हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी थी.
इस बार धोनी जम्मू-कश्मीर स्थित 106 इंफ़ेंट्री बटालियन में 2 महीने की ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं. जो बेहद मुश्किल होने जा रही है. क्योंकि ट्रेनिंग जम्मू-कश्मीर में है. जहां मौसम से लड़ना बेहद मुश्किल होता है.