आज से क्रिकेट के एक ऐसे सुनहरे दौर का अंत होने जा रहा है, जो किसी ज़माने में हर क्रिकेट प्रेमी की यादों का हिस्सा हुआ करती थी. हम बात कर रहे हैं ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन की.
नब्बे के दशक में जब मोबाइल और इंटरनेट का ज़माना नहीं था तो क्रिकेट की गॉसिप, रिकॉर्ड, मैच विवरण व विश्लेषण को समझने का एकमात्र ज़रिया ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन ही हुआ करती थी, लेकिन अब ये मैगज़ीन हमेशा के लिए बंद होने जा रही है. इस मैगज़ीन के बंद होने के साथ ही हमारी क्रिकेट की पुरानी यादें भी इतिहास बनकर बंद हो गई हैं.
जब मोबाइल और इंटरनेट का जमाना नहीं था तो #क्रिकेट की गॉशिप, रेकार्ड, मैच विवरण, विश्लेषण को पढ़ने समझने के लिए #क्रिकेट_सम्राट पत्रिका का ही सहारा होता था। वह @ESPNcricinfo का दौर नहीं था। अब यह #पत्रिका, इतिहास बनकर बंद हो गई। टीवी से पहले वाले दौर के साथियों को यह ही याद होगी? pic.twitter.com/LSaJoVJgrJ
— Devendra N. Tiwari (देवेंद्र) (@JournoDev) June 23, 2020
मुझे क्रिकेट से उतना ही प्यार है जितना लोगों को PUBG से है
मुझे आज भी वो दौर याद है जब मैं भारतीय टीम की हर सीरीज़ ख़त्म होने के बाद ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन के आने का बेसब्री से इंतज़ार किया करता था. इस दौरान मुझे इस बात का बेसब्री इंतज़ार होता था कि इस बार मैगज़ीन के अंदर कौन से खिलाड़ी का पोस्टर होगा, जिसे में अपने कमरे की दीवार पर लगा पाऊंगा. मैगज़ीन ख़रीदते ही सबसे पहले में उसी पोस्टर को देखता था.
‘क्रिकेट सम्राट’ के लिए कुछ ऐसी थी मेरी दीवानगी
सीरीज़ ख़त्म होने के बाद मैं बेसब्री ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन के आने का इंतज़ार कर रहा था. भारतीय टीम को स्वदेश लौटे 10 दिन बीत गए थे, लेकिन मार्किट में मैगज़ीन फिर भी नहीं आई थी. इस दौरान मैंने कई बुक स्टोर पर जाकर पूछा, लेकिन हर कोई यही कहता कि 2-4 दिन में आ जाएगी, लेकिन नहीं आई. मैं परेशान हो गया.
इस बीच मैंने घर में पड़ी पुरानी मैगज़ीन से उस पब्लिशर्स का पता ढूंढ निकाला, जो हमारे इलाक़े में मैगज़ीन डिस्ट्रीब्यूट करता था. फिर मैंने अपनी स्कूल की कॉपी से एक पन्ना फाड़ा और उस पर एक लंबा सा नोट लिख दिया कि मैं ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन का बहुत बड़ा फ़ैन हूं, मुझे अब तक भारत-पाकिस्तान सीरीज़ वाली मैगज़ीन नहीं मिल पाई है. चिट्ठी के साथ में मैंने अपने घर के दो-दो पते भी भेज दिए, ताकि मैगज़ीन आये भी तो किसी न किसी को मिल जाए.
आख़िरकार पूरे 5 दिन बाद डाक द्वारा मेरे घर पर मैगज़ीन पहुंच ही गई. इस बार सब कुछ मेरी पसंद का था. मैगज़ीन के अंदर मेरे पसंदीदा खिलाड़ी सौरव गांगुली का बड़ा सा पोस्टर था, जिसे मैंने तुरंत ही दीवार पर चिपका डाला था. इस दौरान मुझे पब्लिशर्स के वो शब्द याद आ गए जो उन्होंने मैगज़ीन के साथ में लिखे थे-
‘आप जैसे पाठकों की वजह से ही हम अच्छा काम कर पा रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी आप हमारे साथ इसी तरह जुड़ते रहेंगे और हमारे इस परिवार को यूं ही प्यार करते रहेंगे’.धन्यवाद
आज जब मुझे ‘क्रिकेट सम्राट’ मैगज़ीन के बंद होने की ख़बर मिली, तो बेहद निराशा हुई. ऐसा लगा जैसे एक सुनहरे दौर का अंत हो गया है.
अंत में इस मैगज़ीन के पब्लिशर्स को बस इतना ही कहना चाहूंगा कि ‘क्रिकेट सम्राट’ के बंद होने के पीछे ग़लती आपके उन पाठकों की भी है, जिन्होंने समय के साथ इसे पढ़ना छोड़ दिया था. मैं भी उनमें से एक हूं.
इसे हम ग़लती समझें या पछतावा, लेकिन ये बात सच है कि इंटरनेट ने हमें हमारी कई पुरानी यादों से कोसों दूर कर दिया है.
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी-
ओहो, क्रिकेट सम्राट – क्रिकेट से जुड़ी यादों का एक मधुबन♥️
— Dilip K. Pandey – दिलीप पाण्डेय (@dilipkpandey) June 23, 2020
यह मेरे लिए निजी छती है और समझता हूं सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी। मैं कभी इस मैगजीन के कर्मपुरा स्थित दफ्तर में उप संपादक हुआ करता था।
— Rakesh Chaurasia (@Indo_Journalist) June 23, 2020
इस पत्रिका के बीच मे हर संस्करण में किसी 1 क्रिकेटर का पोस्टर भी हुवा करता था!
— Piyush Mishra (@PMLUCKNOW) June 23, 2020
लेकिन अब बंद हो गयी यह पत्रिका
Sad news, cricket samrat, sportsworld and sportstar were my favourite magazines pre TV days. Infact there used to be a very popular magzine/tabloid ‘Shatkar’ edited by great Sandeep Patil.
— boredpanda (@prasannadurge) June 23, 2020
दुःखद, इसके बीसियों अंक अपने पास है। और कोलकाता टेस्ट के लिए इसने एक अलग बुकलेट 5 रूपये में बनाया था वह भी 😊 लेकिन अब ..
— Makpandey (@jannattalkies) June 23, 2020
I was regular reader since 1987. That time price was Rs 6.
— Perwez Ahmed (@perwez_dbg) June 23, 2020
i have grown up on cricket samrat. many memories are attached with this magazine. for almost 6 (1997-2003) years i read all the edition without fail. i have begged borrowd and stolen money to buy the magazine. it was expensive in those times 21rs and then 25 rs.
— Goodfella (@LabyrinthAshish) June 23, 2020
Mera Bachpan yehi padhkar beeta hai…
— Faisal Rizvi (@faisalah77) June 23, 2020
i used to keep it so safely and didnt let anyone touch my collections. i also grew up on nandan, champak, nanhe samrat, suman saurabh, raj comics,chacha chowdhary etc etc.these were my child hood. it is sad to see the magazine going out of print. but that audience is also no more
— Goodfella (@LabyrinthAshish) June 23, 2020
I read it regularly from 1998 to 2009.
— ADITYA ROY (@adityaroy123451) June 23, 2020
Charanpal Singh Sobti’s column, Cricket Prashnotri, Spot the ball, the section on County Cricket, Interview with any Cricketer were its highlights.
In my School library, there was always a fight for reading this in the library period
Sad…I still have a proper collection from 2009 to 2019 and that special edition which was made for sachin Tendulkar
— anuraj nigam (@AnurajNigam) June 23, 2020
Ours was the generation which grew up on Cricket Samrat & Radio Commentary of Sushil Doshi, Murlo Manohar Manjul, Narottsm Puri, Tony Cozier etc.
— Sachin Chandra (@reallysachin) June 23, 2020
Nostalgic…
Sad to hear that Cricket Samrat is closing down.
बच्चे भी अब दिलचस्पी कहा दिखा रहे है, यह तो चलिए चल भी जाएगा।।
— किल बिल (@TamrajKilwis) June 23, 2020
नन्हे सम्राट का भविष्य भी ऐसा ही कुछ लग रहा है, बच्चो को अब पत्रिकाएं पढ़ने में इंटरेस्ट भी नही है अभिभावक भी बचपन मे यह आदत नही डलवाते, ह जागरूक अभिभावक अंग्रेजी पत्रिकाओं पर जोर देते हैं।
हम तो अभी भी पढ़ते है।।