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दरअसल, आज भले ही देशभर के लोग उन्हें बधाई और सरकार इनाम दे रही हो. मगर एक वक़्त ऐसा भी था, जब मीराबाई चानू के पास अपनी ट्रेनिंग के लिए घर से स्पोर्ट्स अकादमी जाने की भी सुविधा नहीं थी.
मीराबाई का गांव, नोंगपोक काकचिंग और मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित खेल अकादमी के बीच की दूरी 25 किमी से भी ज़्यादा थी. रोज़ाना आने-जाने लिए भारतीय खिलाड़ी के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में वो अक्सर नदी की रेत को इम्फ़ाल तक ले जाने वाले ट्रक डाइवर्स से लिफ़्ट मांगकर अकादमी पहुंचती थी. इन ट्रक ड्राइवर्स ने कभी भी मीराबाई से पैसे नहीं लिए.
Olympiad @mirabai_chanu home was more than 25 km from the Sport Academy. No means of transport during those days, except trucks which carried river sands to the City. These truck drivers gave her lift everyday. Today she rewarded these truck drivers. pic.twitter.com/9WegUkwjkz
— Naorem Mohen (@laimacha) August 5, 2021
ऐसे में सालों तक मुफ़्त में खेल अकादमी पहुंचाने में मदद करने वाले इन ड्राइवरों को मीराबाई ने अपने घर बुलाकर सम्मानित किया. उन्होंने लगभग 150 ट्रक ड्राइवरों और सहायकों को एक शर्ट, एक मणिपुरी दुपट्टा देने के साथ खाना भी खिलाया.