क्रिकेट एक टीम गेम है यानी इसमें खिलाड़ी से ज़्यादा महत्व टीम का है. एक खिलाड़ी की प्रतिभा से ज़्यादा ज़रूरी है पूरी टीम का प्रतिभावान होना. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस खेल में अकेले किसी खिलाड़ी की एहमियत नहीं है. जब कोई खिलाड़ी किसी मैच में अच्छा प्रदर्षण करता है, तब उसे मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड से नवाज़ा जाता है.
ICC ने मैन ऑफ़ द मैच देने के तरीके को परिभाषित नहीं किया है. इसलिए कभी-कभी ये हारी हुई टीम के खिलाड़ियों को भी मिलती है लेकिन अधिकांशत: इसके हकदार विजेता खेमे के खिलाड़ी ही होते हैं. इसके लिए कोई मानक नियम नहीं है इसलिए इतिहास में तीन मौके ऐसे भी दर्ज हैं, जब पूरी टीम को मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड मिला था
1. New Zealand Vs West Indies, 3 April, 1996.
न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 35.5 ओवर में 158 रनों का लक्ष्य खड़ा कर पाई. तब वेस्टइंडीज़ जैसी टीम के लिए ये एक बेहद मामूली स्कोर था लेकिन न्यूज़ीलैंड की पूरी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया और वेस्टइंडीज़ की टीम को 49.1 ओवर में 154 रनों पर चलता कर दिया और मैच को चार रनों से जीत लिया.
पूरी टीम का प्रदर्शन इतना नपा-तुला था कि आखिर में तय किया गया कि पूरी टीम को ही मैन ऑफ़ द मैच मिलना चाहिए.
2. Pakistan Vs England & Scotland, 1 September, 1996.
ऐसे कम ही मौके मिलेंगे जब पाकिस्तान की टीम एकजुटता के साथ खेली हो. इस टीम के आपसी टकराव जगज़ाहिर हैं. बावजूद इसके ये न्यूज़ीलैंड के बाद दूसरी टीम है जिसे एकदिवसिय क्रिकेट में संयुक्त रूप से मैन ऑफ़ द मैच मिला हो.
इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया. पाकिस्तान के सामने 246 रनों का लक्षय था, जिसे इस एशियाइ टीम ने दो गेंद शेष रहते आठ विकेट गवां कर हासिल कर लिया. सामान्य समझ के हिसाब से मैन ऑफ़ द मैच नाबाद 125 रन बनाने वाले इंग्लैंड के बल्लेबाज़ Nick Knight को मिलना चाहिए था लेकिन पाकिस्तानी टीम के सामूहिक प्रदर्शन की वजह से उनकी टीम को मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड दिया गया.
3. West Indies Vs South Africa, 15-18 January, 1999
टेस्ट क्रिकेट में ऐसा एक ही बार हुआ है जब टीम के सभी ग्यारह खिलाड़ियों को मैन ऑफ़ द मैच मिला हो.
साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पहली इनिंग में 313 रन बनाए. जब Caribbean टीम बैटिंग के लिए उतरी तब उसने अपनी पहली इनिंग में 144 रन ही बनाए. साउथ अफ्रीका के पास एक बड़ी लीड थी, दूसरी इनिंग में उन्होंने 399 रन और जोड़ दिए. अब वेस्टइंडीज़ के सामने 569 रनों का लक्षय था लेकिन वो मात्र 217 रन बनाने में सफ़ल रही.
इस मैच में साउथ अफ्रीका के तीन खिलाड़ियों ने शतक जड़े, बॉलरों का प्रदर्शन भी अच्छा था इसलिए अंत में तय किया गया कि पूरी टीम को मैन ऑफ़ दी मैच दे दिया जाए.