भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त, 2020 को अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. कैप्टन कूल के इस फ़ैसले के बाद से ही दुनियाभर में फ़ैले धोनी के फ़ैंस मायूस हैं.
इस बीच देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी महेंद्र सिंह धोनी के नाम एक पैग़ाम भेजा है. पीएम मोदी की इस चिट्ठी को धोनी ने अपने ट्वविटर अकाउंट पर शेयर की है.
इस दौरान धोनी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘किसी भी कलाकार, सैनिक और खिलाड़ी को सिर्फ़ तारीफ़ की चाह होती है. वो चाहते हैं कि उनकी मेहनत और कुर्बानियों को सभी पहचानें. आपकी तरफ़ से मिली तारीफ़ और शुभकामनाओं के लिए आपका शुक्रिया पीएम नरेंद्र मोदी जी.
An Artist,Soldier and Sportsperson what they crave for is appreciation, that their hard work and sacrifice is getting noticed and appreciated by everyone.thanks PM @narendramodi for your appreciation and good wishes. https://t.co/T0naCT7mO7
— Mahendra Singh Dhoni (@msdhoni) August 20, 2020
चिट्ठी में क्या लिखा है पीएम मोदी ने?
‘आप में नए भारत की रुह झलकती है. इस युवा भारत में युवाओं की क़िस्मत उनके परिवार का नाम तय नहीं करता है. वो अपना ख़ुद का मुक़ाम और नाम हासिल करते हैं. 15 अगस्त, 2020 को आपने सादगी भरे अंदाज़ में एक छोटा वीडियो शेयर किया जो पूरे देश में एक लंबी और बड़ी बहस के लिए क़ाफ़ी था. 130 करोड़ भारतीय इस फ़ैसले से निराश तो हैं, लेकिन आपने डेढ़ दशक में भारत के लिए जो किया उसके लिए हम आपके शुक्रगुजार भी हैं.’
आप भारतीय क्रिकेट के सबसे कामयाब कप्तानों में शुमार किए जाते हैं. भारत को दुनिया में टॉप टीम बनाने में आपका अहम रोल रहा है. वर्ल्ड क्रिकेट में आपका नाम दुनिया के बेस्ट कप्तान, बेस्ट फ़िनिशर और बेस्ट विकेटकीपर में लिखा जाएगा. मुश्किल हालात में पूरी ज़िम्मेदारी के साथ मैच को पूरा करने का आपका स्टाइल, ख़ास तौर पर 2011 वर्ल्ड कप फ़ाइनल, कई पीढ़ियों तक लोगों को याद रहेगा.
धोनी को उनके क्रिकेटिंग आंकड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि अकेले दम पर भारत को मैच जिताने वाली ख़ूबी के लिए भी याद किया जाएगा. आपको सिर्फ़ एक प्लेयर के तौर पर देखना नाइंसाफ़ी होगी. एक छोटे शहर से उठकर आपने इंटरनेशनल लेवल नाम कमाया. सबसे अहम ये है कि इस दौरान आपने देश का गौरव बढ़ाया.
पीएम मोदी ने अंत में कहा, आपकी तरक़्क़ी और उसके बाद के जीवन ने उन करोड़ो नौजवानों को प्रेरणा दी तो महंगे स्कूल या कॉलेजो में नहीं जा पाए और न ही वो किसी नामी गिरामी परिवार से आते हैं लेकिन उनके पास खुद को सबसे ऊंचे स्तर पर स्थापित करने की क्षमता है. हम कहां से आए हैं यह बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता जब तक हमें यह पाता हो कि हम किस तरफ जा रहे हैं- आपने यही भावना पेश की और कई युवाओं को इससे प्रेरित किया.’