हमारे देश में खिलाड़ियों की कमी नहीं है, लेकिन हां उनके संघर्ष की दांस्ता भी दुनिया से छिपी नहीं है. ऐसे ही चंद खिलाड़ियों में एक पूनम सोनूने भी है. वही पूनम जिसने 2018 में ‘साउथ एशियन जूनियर एथलिस्ट कॉम्पिटिशन’ में 300 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल हासिल कर सभी देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था. 

India Times

हाल ही में महाराष्ट्र के बुलधाना ज़िले के सांग्वान गांव की इस एथलीट ने एक बार फिर दौड़ लगाई और जीती भी, बस इस बार वजह थोड़ी अलग थी. दरअसल, पूनम इस बार अपनी बहन के लिये दौड़ी, ताकि वो रेस जीत कर अपनी बहन की शादी के पैसे जमा कर सके. 

India Times

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 19 साल की ये एथलीट बेहद ग़रीब परिवार से है. पूनम सोनूने के पिता खेतों में काम करके घर चलाते हैं, इसलिये उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी बेटी की शादी कर पायें. ऐसे में घर की इस होनहार बेटी ने बहन की शादी की ज़िम्मेदारी ली और रेस जीतकर बहन की शादी के लिये 1.25 लाख रुपये जुटाए.  

https://www.youtube.com/watch?v=J43OZhDyA3I

पुणे हाफ़ मैराथन दौड़ में जीत हासिल करने वाली पूनम फिलहाल अपनी बहन की शादी का हिस्सा नहीं बन पाएगी, क्योंकि उसका सलेक्शन नेपाल में आयोजित होने वाले साउथ एशियन गेम्स में हो चुका है और वो शादी के वक़्त नेपाल में होगी. 

स्कूल टाइम से ही पूनम दौड़ कर दुनिया को अपना हुनर दिखाती आ रही है, जिस वजह से स्कूल ने उसे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी नामक खिलाड़ियों की मदद करने वाली संगठन की मदद से दौड़ के लिये भेजा. ये संगठन बॉक्सर विजेंद्र सिंह खिलाड़ियों के लिये चलाते हैं.