भारत जैसे क्रिकेट प्रेमी देश में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है. टीम के हर अच्छे और बुरे प्रदर्शन पर लोगों की नज़र रहती है. कोई खिलाड़ी अच्छा खेले तो मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पर उसकी तारीफ़ों की बौछार हो जाती है. वहीं ख़राब खेलने पर उसे टीम से बाहर करने की मांग भी करने लगते हैं.
अच्छे प्रदर्शन की बात करें, तो इन दिनों टीम इंडिया बेहद शानदार प्रदर्शन कर रही है. भारत टेस्ट में नंबर वन जबकि वनडे और T-20 में दूसरे पायदान पर है. टीम इंडिया की इस सफ़लता का श्रेय टीम के हर एक खिलाड़ी को जाता है. टीम इंडिया का ऐसा ही एक खिलाड़ी इन दिनों अपने प्रदर्शन से लगातार लोगों का दिल जीत रहा है.
हम बात कर रहे हैं युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ की. पृथ्वी को हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली है. टीम में आते ही उन्होंने वो कर दिखाया है, जो कम ही क्रिकेटर कर पाए हैं. हर क्रिकेटर के लिए टेस्ट क्रिकेट से अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करना गर्व की बात होती है. वहीं पृथ्वी ने ये मुक़ाम मात्र 18 साल की उम्र में ही हासिल कर लिया. पृथ्वी को पहली बार इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट टीम के लिए चुना गया था, लेकिन उन्हें अंतिम ग्यारह में खेलने का मौक़ा नहीं मिल पाया.
पृथ्वी को टेस्ट में डेब्यू करने का मौक़ा भारत दौरे पर आई वेस्ट इंडीज़ टीम के ख़िलाफ़ मिला. पृथ्वी ने इस मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए अपने पहले ही टेस्ट की पहली पारी में शानदार शतक (134) जड़ दिया. इस शानदार पारी के लिए उन्हें ‘मैन ऑफ़ द मैच’ भी चुना गया. वहीं दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 70, जबकि दूसरी पारी में नाबाद 33 रन बनाकर पृथ्वी ने भारत को सीरीज़ 2-0 से जिताने में अहम भूमिका निभाई.
इस शानदार प्रदर्शन के बाद पृथ्वी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बने हुए हैं. गावस्कर, धोनी, सहवाग, गंभीर और कोच शास्त्री समेत कई पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट एक्सपर्ट पृथ्वी की तारीफ़ कर चुके हैं.
Well played young man @PrithviShaw for a free and fearless performance on debut. A bit of Viru and the Master there #INDvsWI pic.twitter.com/JQ2VtysqaU
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) October 4, 2018
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा, 18 साल की उम्र में पृथ्वी जैसा खेल रहा है मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई भी क्रिकेटर उसका 10 प्रतिशत भी रहा होगा. एक टीम को जैसी शुरुआत की ज़रूरत होती है, उसने वो काम बखूबी किया. इतने निडर खिलाड़ी का टीम में होना काफ़ी अच्छी बात है.
भारतीय टीम अगले दौरे के लिए नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी. इस दौरे के लिए पृथ्वी का चुना जाना लगभग तय है. ये उनके करियर का सबसे अहम दौरा होने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया जैसे मुश्किल दौरों पर रन बनाने का मतलब है टीम में आपकी जगह सुनिश्चित होना. विराट कोहली ने भी अपने पहले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर शानदार प्रदर्शन कर टेस्ट टीम की कप्तानी हासिल की थी.
पृथ्वी का अब तक सफ़र
साल 2013 में पृथ्वी उस समय चर्चा में आये थे, जब हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने 300 गेंदों में 546 रन की मैराथॉन पारी खेली थी. इसके चार साल बाद 25 फ़रवरी, 2017 को पृथ्वी ने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में मुंबई की ओर से खेलते हुए डेब्यू मैच में शतक जमाया, जबकि नवंबर में रणजी ट्रॉफ़ी के डेब्यू मैच में भी शतक जमाया. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद पृथ्वी को भारतीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया, उनकी कप्तानी में भारत साल 2018 अंडर-19 वर्ल्ड चैम्पियन बना. इस दौरान पृथ्वी ने 6 मैचों में 65 की औसत से 261 रन बनाये और इसके साथ ही वो ‘अंडर-19 विश्व कप’ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले भारतीय कप्तान भी बने. इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.2 करोड़ में ख़रीदा, इस दौरान उन्होंने 9 मैचों में 153.12 के स्ट्राइक रेट से 245 रन बनाये. जबकि हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर गयी इंडिया-A से खेलते हुए भी उन्होंने शानदार बल्लेबाज़ी की थी.
पृथ्वी शॉ की ख़ास बात ये है कि वो सहवाग की तरह आक्रामक क्रिकेट खेलते हैं. भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उनसे इसी की उम्मीद है.