हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान, महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया. ये उनके फ़ैन्स और क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी शॉक से कम नहीं था. पहली बार में शायद ही किसी को विश्वास हुआ होगा. लेकिन सबकी सोच से अलग फ़ैसला लेना ही तो धोनी को कैप्टन कूल बनाता है. खैर उनकी फिटनेस को देखते हुए लग रहा है कि वो वर्ल्ड कप 2019 तक तो ज़रूर खेलेंगे. इसके बारे कयास भी लगाना गलत होगा, क्योंकि धोनी तो धोनी हैं और वो कब क्या फैसला लेंगे उसके बारे में विरोधी टीम तक पता नहीं लगा पाई, तो हम किस खेत की मूली हैं.

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अगर वो कुछ समय में ही रिटार्यमेंट की घोषणा कर दें, तो भारत के पास उनकी जगह विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं, इस पर हर कोई नज़र रखे हुए है. कोई ऐसा खिलाड़ी जो उनकी विकेट कीपिंग और बल्लेबाज़ी दोनों की कमी अच्छी तरह से पूरी कर सके. ऐसे में जिन खिलाडियों को सिलेक्टर्स मौका दे सकते हैं, उन पर एक नज़र डाल लेते हैं.

1. ऋषभ पंत

अंडर-19 वर्ल्ड कप और इस साल रणजी ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन ने ऋषभ को सिलेक्टर्स की नज़र में ला दिया है. हाल ही में उन्हें इंग्लैंड के विरुद्ध T-20 टीम में भी जगह दी गई. उनकी सटीक विकेट कीपिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी में धोनी की कमी पूरी करने की क्षमता है. राहुल द्रविड़ ने भी उनकी तारीफ़ की है. ऐसे में जल्द ही हम उन्हें वन-डे टीम का हिस्सा बनते देख सकते हैं.

2. ईशान किशन

ऋषभ पंत की तरह ही ईशान भी उभरते युवा विकेटकीपर, बल्लेबाज़ हैं. इन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में गई भारतीय टीम की कप्तानी की थी. अपनी शानदर बल्लेबाज़ी का हुनर इन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में दिखाया है. अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर झारखंड को पहली बार रणजी के सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र तय करवाया. इंग्लैंड के साथ दूसरे अभ्यास मैच के लिए इन्हें भी 15 लोगों की टीम में जगह मिली थी. ईशान उसी राज्य से आते हैं, जहां से धोनी हैं. ऐसे में धोनी के गुण उन्हीं से सीखने का मौका ईशान के पास ज़्यादा है.

3. संजू सैमसंग

IPL में अपना जौहर दिखा चुके संजू भी धोनी के विकल्प हो सकते हैं. क्योंकि संजू भी एक आक्रामक खिलाड़ी हैं. एक विकेट कीपर जो तेजी से रन बना सके. इससे बेहतर और क्या हो सकता है भारतीय टीम के लिए.

4. पार्थिव पटेल

टेस्ट में लगभग अपनी जगह पक्की कर चुके पार्थिव ने पहली बार अपनी कप्तानी और बल्लेबाज़ी की वजह से गुजरात को रणजी ट्रॉफ़ी की खिताब जिताया है. ऐसे में ये भी एक विकल्प हो सकते हैं. इनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव भी है .तो इन्हें ज़्यादा मुश्किल नहीं होगी किसी भी फॉर्मेट में.

5. लोकेश राहुल

कर्नाटक के इस विकेटकीपर, बल्लेबाज़ ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित किया है. अपनी शानदार बल्लेबाज़ी और विकेट कीपिंग की बदौलत इंग्लैंड के खिलाफ़ टेस्ट टीम में जगह बनाई थी. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ 2014 में उन्होंने टेस्ट में अपना पहला मैच खेला था. वन-डे और T-20 में भी उनका पदार्पण हो चुका है. ऐसे में ये युवा खिलाड़ी सलेक्टर की पसंद बन सकता है.

इन सब खिलाड़ियों में देश प्रतिनिधित्व करने की क्षमता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रेशर कौन झेल कर आगे निकलेगा, ये तो आने वाला वक़्त बताएगा. साथ ही ये धोनी पर निर्भर करता है कि वो कब संयास की घोषणा करते हैं और उस वक़्त तक कौन सा खिलाड़ी अपनी फॉर्म को बर्करार रख पाता है.  

Image Source: indiatimes