सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) आज विश्व टेनिस जगत में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं. पिछले 19 सालों से हर ग्रैंड स्लैम (Grand Slam) में सानिया मिर्ज़ा का नाम शामिल रहा, मगर अब ग्रैंड स्लैम में ये नाम कभी दिखाई नहीं देगा. दरअसल, शुक्रवार को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियन ओपन (Australian Open) के फ़ाइनल में हार के साथ ही सानिया मिर्ज़ा का ग्रैंड स्लैम करियर हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो गया है.

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सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) पहले ही अपने संन्यास की घोषणा कर चुकी हैं. इस कड़ी में आज ऑस्ट्रेलियन ओपन (Australian Open) उनका आख़िरी ग्रैंड स्लैम (Grand Slam) साबित हुआ. ऑस्ट्रेलियन ओपन के फ़ाइनल में सानिया मिर्ज़ा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को स्टेफ़नी और मातोस की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, सानिया अब भी बचे कुछ टूर्नामेंट में खेलती हुई नज़र आएंगी. लेकिन साल 2023 उनके टेनिस करियर का आख़िरी साल होने जा रहा है.

आख़िरी जीत की अधूरी ख़्वाहिश और टूटे दिल के साथ जब सानिया रनर-अप ट्रॉफ़ी लेने आईं तो वो ख़ुद को रोने से रोक नहीं पाई. इस दौरान स्टेडियम में मौजूद हर एक भारतीय दर्शक भी सानिया के शब्दों को सुनकर इमोशनल हो गया. सानिया के आख़िरी ग्रैंड स्लैम में गुड बाय को देखकर हर टेनिस अपने आंसू रोक नहीं पाया. आख़िर रोक भी कैसे पाते, देश की इस महान खिलाड़ी ने भारतीय टेनिस को नए मुकाम पे जो पहुंचाया.

Sania Mirza की अधूरी ख़्वाहिश

असल ज़िंदगी में कौन हैं Sania Mirza?

सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) का जन्म 15 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ था. हैदराबाद के रहने सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट थे. जबकि मां नसीमा का प्रिंटिंग का बिज़नेस था. कुछ साल बाद उनका परिवार हैदराबाद शिफ़्ट हो गया. सानिया ने हैदराबाद के Nasr School से स्कूल से शिक्षा हासिल की है. इसके बाद उन्होंने St. Mary’s College से स्नातक किया है. सानिया ने 6 साल की उम्र से ही टेनिस खेलना शुरु कर दिया था. जबकि साल 2003 में उन्होंने अपने प्रोफ़ेशनल टेनिस करियर की शुरुआत की थी.

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देश की बेटियों को टेनिस से प्यार करना सिखाया

भारत के लिए महिला टेनिस जगत में बेस्ट रैंकिंग पाने वाली सानिया मिर्ज़ा मिर्जा ने देश के लिए वो सभी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसे उनसे पहले कोई भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी हासिल नहीं कर सकी थीं. सानिया WTA Tour Title जीतने वाली केवल दो भारतीय महिलाओं में से एक हैं और सिंगल्स में टॉप 100 में स्थान पाने वाली एकमात्र महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. इसके अलावा वो 43 WTA Doubles Titles अपने नाम करने वाली एक्टिव टेनिस प्लेयर भी हैं.

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सानिया मिर्ज़ा ने साल 2003 से 2013 तक देश के लिए बतौर इंडिविजुअल टेनिस खेला. इसके बाद वो डबल्स और मिक्स्ड डबल्स खेलने लगीं. 10 साल देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस खेलने वाली सानिया की बेस्ट सिंगल्स करियर रैंकिंग 27 रही है. जबकि 13 अप्रैल, 2005 को सानिया पहली बार Women’s Doubles में दुनिया की नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी बनी थीं.

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पिता ने दी टेनिस की कोचिंग

सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) ने अपने पिता की कोचिंग में जूनियर लेवल पर 10 Singles और 13 Doubles ख़िताब अपने नाम कर भारतीय महिला टेनिस जगत में सनसनी फ़ैला दी थी. इसके बाद सानिया ने 15 साल की उम्र में सीनियर लेवल पर अप्रैल 2001 में ITF Circuit पर अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद कुछ शुरूआती मैचों में हार के बाद सानिया ने साल 2003 के Afro-Asian Games में अपने नाम 4 गोल्ड मेडल किये. लेकिन साल 2003 में ही Sania Mirza रूस की Alisa Kleybanova के साथ Wimbledon Championships का Doubles जीतकर रातों-रात दुनियाभर में मशहूर हो गईं.

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सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 2004 में उन्होंने कुल 6 ITF Singles Titles अपने नाम कर सानिया भारत की नंबर 1 टेनिस प्लेयर बन गईं. लेकिन उनकी असली अग्नि परीक्षा थी साल 2005 में, ये वही साल था जब सानिया ने पहली बार Australian Open में शिरकत की थी. उन्होंने अपना विजय अभियान यहां भी जारी रखा.

18 साल की उम्र में सेरेना विलियम्स से भिड़ीं

सानिया ने Australian Open के पहले व दूसरे राउंड में सिंडी वॉटसन और पेट्रा मंडुला को हराकर तीसरे राउंड में प्रवेश किया. तीसरे राउंड में उनका मुक़ाबला वर्ल्ड चैंपियन और उस समय दुनिया की नंबर 1 टेनिस प्लेयर सेरेना विलियम्स से था. इस मुक़ाबले में वो सेरेना विलियम्स से हार तो गईं, लेकिन अपने खेल की वजह से सानिया पूरी दुनिया में मशहूर हो गईं. इसके 1 महीने बाद ही फ़रवरी 2005 में सानिया WTA Tour title जीतने वाली पहली भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी बन गईं.

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हरा चुकी हैं इन दिग्गज खिलाड़ियों को

सानिया मिर्ज़ा (Sania Mirza) सिंगल्स में दुनिया की कई मशहूर टेनिस प्लेयर्स Svetlana Kuznetsova, Vera Zvonareva और Marion Bartoli समेत कईयों को हरा चुकी हैं. इनमें दुनिया की नंबर 1 टेनिस प्लेयर्स रह चुकीं Martina Hingis, Dinara Safina और Victoria Azarenka का नाम भी शामिल है. लेकिन कलाई में चोट के बाद सानिया ने साल 2013 में सिंगल्स खेलना छोड़ दिया उन्हें और डबल्स खेलने लगीं.

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सानिया मिर्ज़ा की उपलब्धियां

दुनिया की नंबर 1 डबल्स टेनिस प्लेयर रह चुकीं सानिया मिर्ज़ा अपने करियर में अब तक कुल 6 प्रमुख ख़िताब जीत चुकी हैं. इनमें Women’s Singles में 3 और Mixed Doubles में 3 ख़िताब शामिल हैं. सानिया अब तक वीमेन डबल्स में Wimbledon (2015), US Open (2015) और Australian Open (2016) जीत चुकी हैं. जबकि मिक्स्ड डबल्स में Australian Open (2009) French Open (2012) और US Open (2014) जीत चुकी हैं. इसके अलावा वो वीमेन डबल्स में WTA Tour Finals (2014, 2015) और 3 मिक्स्ड डबल्स टाइटल्स भी अपने नाम कर चुकी हैं.

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आज से 20 साल पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन देश की कोई महिला खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर टेनिस में देश का नाम रौशन करेगी. लेकिन सानिया मिर्ज़ा ने ये कर दिखाया.