इंडोनेशिया में चल रहे एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष टीम ने पहली बार सेपक टकरा खेल में कोई मेडल जीता है. इंडियन टीम ने इतिहास रचते हुए इस स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया है. इसका जश्न पूरा देश मना रहा है. मगर क्या आप जानते हैं कि ये कौन सा खेल है और इसे कैसे खेला जाता है?

सेपक टकरा खेल से जुड़े हर सवाल का जवाब आपके लिए लेकर आएं हैं हम. आइए जानते हैं इस खेल के बारे में…
कैसे खेलते हैं सेपक टकरा खेल?
सेपक टकरा दक्षिण एशिया के कई देशों का पारंपरिक खेल है, लेकिन थाईलैंड और मेलेशिया में ये काफ़ी फ़ेमस है. ये वालीबॉल और बैडमिंटन जैसा ही है. बस इसे एक स्पेशल बॉल से हाथ की जगह पैरों से खेला जाता है. इसमें हिस्सा लेने वाली प्रत्येक टीम में 3-3 सदस्य होते हैं. इस खेल के चार प्रकार होते हैं Circle, Double Regu, Regu और Team.

सेपक टेकरा का इतिहास
इस खेल का ज़िक्र 14वीं शताब्दी के Malacca Sultanate में मिलता है. वर्तमान में इसे मलेशिया के नाम से जाना जाता है. उसी समय से ये गेम पूरे दक्षिण एशिया में फैल गया था. मलेशिया में इसे Sepak और थाईलैंड में Takraw कहा जाता है. मलय भाषा में Sepak का मतलब होता है ‘किक’ और थाई भाषा में Takraw को ‘बॉल को मारना’. चूंकी इन दोनों देशों का ही इस खेल में दबदबा है, इसलिए इसका नाम सेपक टकरा रख दिया गया.
पांव से खेले जाने के कारण ये गेम पूरी दुनिया में फ़ेमस हो गया. अब इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जा रहा है. एशियन गेम्स में सेपक टकरा की शुरुआत 1990 में हुई थी. इस खेल में थाईलैंड की बादशाहत कायम है, जिसके नाम 22 स्वर्ण पदक हैं, बाकि के 5 इंडोनेशिया के नाम हैं.

मणिपुर में हैं फ़ेमस
इस स्पर्धा में भारत ने अपनी टीम पहली बार साल 2006 में हुए एशियन गेम्स में भेजी थी. मणिपुर में ये गेम काफ़ी लोकप्रिय है. वहां के लोग इसे बड़ी ही सहजता से खेलते हैं. कांस्य पदक जीतने वाली टीम के 12 में 8 सदस्य इसी राज्य से हैं और बाकी के दिल्ली से.

भारतीय टीम के कोच हेमराज ने एनआई को बताया कि, भारतीय टीम पिछले दो महीने से थाईलैंड में इस खेल का प्रशिक्षण ले रही थी. उसका नतीजा आपके सामने है. उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर के लोग नैसर्गिक रूप से काफ़ी चुस्त होते हैं और वो अपने पैरों का इस्तेमाल तेज़ी से करते हैं.
मिल गया न इस खेल से रिलेटेड सभी सवालों का जवाब?