Shoaib Akhtar Used to Pulled Truck to Become Fastest Bowler: क्रिकेट के इतिहास में जब भी तेज़ गेंदबाज़ों का ज़िक आएगा, उसमें Shoaib Akhtar का नाम ज़रूर लिया जाएगा. शोएब अख़्तर क्रिकेट इतिहास के सबसे तेज़ गेंदबाज़ माने जाते हैं. हालांकि, उन्होंने क्रिकेट से सन्यास ले लिया है, लेकिन वो क्रिकेट कमेंटरी और क्रिकेट से जुड़े टॉक शोज़ में नज़र आते रहते हैं.
Alhamdolillah, surgery went well. It will take some time to recover. Need your prayers.
— Shoaib Akhtar (@shoaib100mph) August 6, 2022
A special thanks to @13kamilkhan as well, he’s a true friend who is looking after me here in Melbourne. pic.twitter.com/jCuXV7Qqxv
वैसे बता दें कि Shoaib Akhtar की गेंदबाज़ी में तेज़ी यूं ही नहीं आई, इसके लिए उन्होंने ख़ूब मेहनत की है. आइये, लेख में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आख़िर कैसे Shoaib Akhtar अपनी गेंदबाज़ी में रफ़्तार लाने में कामयाब हुए.
आइये, अब सीधा आर्टिकल पर डालते हैं नज़र – Shoaib Akhtar Used to Pulled Truck to Become Fastest Bowler
इतिहास के सबसे तेज़ गेंदबाज़
अगर आप इंटरनेट पर सर्च करें कि इतिहास का सबसे तेज़ गेंदबाज़ कौन है, तो नाम शोएब अख़्तर का ही आएगा. Shoaib Akhtar के नाम सबसे तेज़ गेंद फ़ेंकने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने 2003 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ़ 161.3 किमी प्रति घंटे की गति से गेंद फेंक कर ये रिकॉर्ड बनाया था. वहीं, उनकी एवरेज़ स्पीड 145 से 150 किमी प्रति घंटे के बीच थी.
कैसे शोएब अख़्तर ने ख़ुद को बनाया तेज़ गेंदबाज़
Shoaib Akhtar Used to Pulled Truck: शोएब अख़्तर कैसे एक तेज़ गेंदबाज़ बने, इसे लेकर वो काफ़ी कुछ शेयर कर चुके हैं. ‘The Sportsman’ नाम के एक पाकिस्तान शो में उन्होंने अपने स्ट्रगलिंग के दिनों को याद करते हुए काफ़ी कुछ बातें बताईं. इस शो के होस्ट पूर्व पाकिस्तानी प्लेयर और कप्तान वसीम अकरम थे. शोएब अख़्तर ने अपनी गेंदबाज़ी में रफ़्तार से जुड़ी बात पर कहा कि, “ईमानदारी से पहले मैंने आपको (वसीम अकरम) देखा, फिर इमरान भाई (इमरान खान) और फिर वकार यूनुस. फिर मैंने आप तीनों की नक़ल करने का सोचा ताकि मैं कुछ बन जाऊं. कभी-कभी मैं आपकी हरक़तों को आज़माता था और वकार के चेहरे पर उंगलियां घुमाने के हावभाव की नक़ल करता था.”
रात को छोटी गाड़ियां खींचते थे
sportskeeda के नाम की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार, शोएब अख़्तर ने अपनी ताक़त और गेंदबाज़ी में रफ़्तार लाने के लिए ख़ूब मेहनत की. उन्होंने बताया कि, मैंने पहले टायरों के साथ दौड़ना शुरू किया, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि ये हल्के हैं. इसके बाद मैंने कंधों से छोटी गाड़ियों को खींचना शुरू किया. इस्लामाबाद में मैं रात में गाड़ियां खींचता था. मैंने अपने रन-अब की स्पीड के साथ इसे मैच करता था. इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि गाड़ियां भी छोटी हैं, तो मैंने ट्रक खींचना (Shoaib Akhtar Used to Pulled Truck to Become Fastest Bowler) शुरू किया. मैं ट्रक को 4-5 मील तक खींचता था.”
मेरा लक्ष्य हमेशा 150 किमी प्रति घंटे पर रहा
शोएब अख़्तर आगे बताते हैं कि, “जब मैंने 26 गज की पट्टी (26 Yard Strips) पर गेंदबाजी की, तो मेरी गति घटकर 142-143 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई, लेकिन मेरा लक्ष्य 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार छूने का रहा. उस समय मेरी मांसपेशियां अच्छी स्थिति में थीं और मैंने पुरानी, खराब हो चुकी गेंदों से गेंदबाज़ी शुरू की. मैं उन पुरानी गेंदों से विकेटों को हिट करने का लक्ष्य बना रहा था.” शोएब आगे बताते हैं कि, “धीरे-धीरे मैं नई गेंदों के साथ गेंदबाज़ी करने के लिए वापस चला गया. ये प्रक्रिया दो महीने तक चली और मैंने 150 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकना शुरू कर दिया.”