कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दशक का पहला बजट पेश किया. कोरोना काल में हाशिये पर जा पहुंचे खेल और खिलाड़ियों के लिए ये बजट निराश करने वाला रहा. क्योंकि कल केंद्रीय बजट में इस साल स्पोर्ट्स को मिलने वाले फ़ंड में क़रीब 230 करोड़ रुपये की कटौती की गई.

कोरोना महामारी का असर खेलों पर पड़ता दिख रहा है, तभी तो इस साल के खेल बजट में भारी कटौती की गई है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले साल के महामारी के कारण खेल गतिविधियां लगभग कम रही इसलिए स्पोर्टस बजट को घटा दिया गया था.

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पिछले साल खेल मंत्रालय को 2826.92 करोड़ रुपये दिए गए थे. जिसे बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिया गया था. 2021-22 के बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय को 2596.14 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले 230.78 करोड़ रुपये कम है.

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खेलो इंडिया कार्यक्रम के लिए इस साल 657.71 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) को मिलने वाले आवंटन में भी इज़ाफा किया गया है. साई को 660.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं .

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खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन का बजट 70 करोड़ रुपये से घटाकर 53 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जबकि राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए आवंटन इस वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 280 करोड़ रुपये कर दिया गया है. राष्ट्रीय खेल विकास कोष के लिए 25 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

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खेल मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते टोक्यो ओलंपिक स्थगित होने के अलावा घरेलू टूर्नामेंट भी नहीं हो सके और विदेश में अभ्यास या खेल प्रतियोगिताएं भी नहीं हो सकीं. पिछले साल बुनियादी ढांचा बेहतर करने की दिशा में भी कोई काम नहीं हो सका.