हाल ही में भारत में पहला ‘Deaf T20 World Cup’ खेला गया. इस दौरान भारतीय टीम फ़ाइनल तक पहुंची, लेकिन फ़ाइनल में श्रीलंका से 36 रन से हार गई. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवरों में 9 विकेट खोकर 145 रन बनाये, जवाब में भारतीय टीम 17.5 ओवर में 109 रन पर ऑल आउट हो गयी.
भारतीय टीम का फ़ाइनल तक का सफर बेहद शानदार रहा. जितेंद्र त्यागी के हरफ़नमौला खेल के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को चार विकेट से हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी.
इतना सब कुछ हो गया लेकिन लोगों को इसकी ख़बर तक नहीं लगी. लगेगी भी कैसे क्योंकि किसी को इससे क्या फ़र्क पड़ता कि टीम हारे या जीते. लोगों की निगाहें, तो बस विराट कोहली वाली भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं. इसे हम लोगों की नहीं, बल्कि BCCI की ग़लती कहेंगे. क्योंकि देश के लिए खेलने वाले इन क्रिकेटरों के लिए उन्हें कोई हमदर्दी नहीं है. जबकि ये टीम भी विराट की टीम की तरह ही देश के लिए क्रिकेट खेलती है.
नीचे दी हुई तस्वीर को ज़रा ध्यान से देखिएगा. सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में ‘मैन ऑफ़ द मैच’ जीतने वाले जितेंद्र त्यागी को ईनाम के तौर पर एक चेक मिला. चेक पर लिखी हुई इनामी राशि को देख कर आप हैरान रह जाएंगे. इनामी राशि 3100 डॉलर नहीं, बल्कि 3100 रुपये है. कितने शर्म की बात है कि देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ के तौर पर इतनी कम रक़म दी जा रही है.
भारतीय डेफ़ क्रिकेट टीम भी BCCI के अंतर्गत ही देश के लिए क्रिकेट खेलती है. बावजूद इसके न तो इन मैचों को टीवी पर प्रसारित किया जाता है, न ही खिलाड़ियों को फ़ाइनेंशियल मदद मिल पाती है. जीवनयापन के लिए इन्हें मजबूरन छोटे-मोटे काम करने पड़ते हैं. जबकि धोनी, विराट, रोहित और शिखर जैसे करोड़पति खिलाड़ियों को BCCI के स्पोंसर्स ‘मैन ऑफ़ द मैच’ के तौर पर 3000 डॉलर की इनामी राशि देते हैं.
इस तस्वीर में गौर करने वाली एक और बड़ी बात है, और वो है खिलाड़ियों की जर्सी पर BCCI के ब्रॉडकास्ट पार्टनर स्टार स्पोर्ट्स का Logo लगा हुआ है, लेकिन स्टार ग्रुप के किसी भी चैनल पर इनके मैच टेलीकास्ट नहीं किये गए. स्टार ग्रुप सिर्फ़ अपनी ब्रैंडिंग के लिए इन खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया.
‘Deaf T20 World Cup’ 22 नवंबर को शुरू हुआ था और 30 नवंबर फ़ाइनल मैच खेला खेला गया था. इसमें भारत समेत दुनिया की कुल 8 टीमों ने हिस्सा लिया था.