भारतीय क्रिकेट के स्टार गेंदबाज़ पिछले 4 महीनों से बैक इंजरी की वजह से टीम से बाहर चल रहे हैं. भारतीय टीम को उनकी कमी खल रही है. डेथ ओवर्स के लिए दुनिया में बुमराह से अच्छा कोई गेंदबाज़ नहीं है. टेस्ट में भी उनकी रैंकिंग साल भर के भीतर ही टॉप पर पहुंच गई थी. कप्तान विराट कोहली उन्हें ‘कंप्लीट बॉलर’ मानते हैं. 

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Hindustan Times ने जसप्रीत बुमराह से उनके खेल के बारे में विस्तृत बातचीत की. बातचीत के दौरान तेज़ गेंदबाज़ ने अपनी बॉलिंग स्टाइल, गेम प्लान, स्ट्रगल, बचपन की यादों पर खुल कर चर्चा की. 

गेंदबाज़ी के मिश्रण पर उन्होंने कहा, ‘अगर आपके पास दो तीन ट्रिक हैं तो आप अटक जाएंगे. किसी दिन आप सोच कर जाएंगे कि मुझे यॉर्कर और धीमी गति की गेंद फेंकनी है और उस दिन बल्लेबाज़ पहले से जानता हो कि आप क्या करने वाले हैं तब आपको अच्छा बाउंसर डालना भी आना चाहिए.’ 

मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलते हुए 15.5 ओवर गेंदबाज़ी की इसमें 4 मेडेन फेंके. इस मैच में बुमराह ने 33 रन देकर 6 विकट निकाले. इनमें अधिकांश विकेट अलग-अलग किस्म की गेंदों पर मिली, जो बुमराह की वरायटी को साबित करती है. 

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हालांकि बुमराह इसे अपना सबसे ख़ास टेस्ट मैच नहीं मानते उनके लिए उनका पहला टेस्ट मैच सबसे ख़ास है. जो की पार्थ के मैदान पर खेली गई थी और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ बुमराह की बॉलिंग पर नाच रहे थे. 

साल 2018 में बुमराह ने टेस्ट मैच में डेब्यु किया और सालभर के भीतर ही टीम के सीनियर खिलाड़ी बन गए. अपने स्किल से उन्होंने टॉप रैंकिंग हासिल कर ली. इस बारे में वो कहते हैं, ‘मुझे सीखना पसंद है. मैं हमेशा नई चीज़ें सीखने की कोशिश करता हूं…’मैं लोगों से पूछता रहता हूं कि मैं और क्या नया जोड़ सकता हूं. 

जब मैं इंग्लैंड दौरे पर जा रहा था, तब मैंने ख़ुद से सवाल किया कि जेम्स एंडरसन क्या करते होंगे? मुझे ढेर सारा होमवर्क करना पसंद है.

कई खिलाड़ियों को बहुत ज़्यादा प्रैक्टिस करना पसंद नहीं आता. लेकिन बुमराह नए स्किल को धार देने के लिए नेट पर ख़ूब पसीना बहाते हैं. नेट पर धारदार बनाने के उस तीर को मैदान पर चलाते हैं. 

अपने पहले मैच को याद करते हुए बुमराह ने बताया कि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहली पारी में गेंदबाज़ी के दौरान उन्हें लाइन पिक करने में परेशानी हो रही थी, उस पारी में बुमराह को सिर्फ़ एक विकेट मिला. फिर उन्होंने डेन स्टेल और मॉर्ने मॉर्कल की लाइन पर गेंदबाज़ी करनी शुरू की और अगली पारी में उन्हें तीन विकेट मिले और तीसरे मैच में बुमराह ने अपना पहला पंजा जड़ा. 

एक साल के भीतर बुमराह ने चार टीमों के ख़िलाफ़ पांच विकेट लिए हैं. एशिया के किसी भी गेंदबाज़ ने ये कारनाम नहीं किया है. न ही वसीम अकरम और न ही वक़ार यूनिस. 

अपने ब्रह्मास्त्र यॉर्कर के बारे में बात करते हुए जसप्रीत बुमराह ने कहा कि बहुत लोगों को लगता है कि मैंने यॉर्कर मुंबई इंडियन्स के साथी खिलाड़ी लसिथ मलिंगा से सीखी है, लेकिन ऐसा नहीं है. 

मैं बचपन में अपने घर में दो दीवारों को कोने पर बॉल फ़ेंकने की कोशिश करता था, ऐसा करने से गेंद की आवज़ सिर्फ़ एक बार और बहुत कम आती थी. अगर आवाज़ दो बार आती तो भीतर बैठी मम्मी से खेलने के लिए डांट पड़ती थी. यहीं से उनके यॉर्कर की प्रैक्टिस शुरू हुई.

अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए बुमराह ने Hindustan Times को बताया कि जब वो सात साल के थे तब उनके पिता की मौत हो गई थी. मां ने अकेले उन्हें और उनकी बड़ी बहन को पाला. मां पहले स्कूल टीचर थीं, बाद में प्रधानाध्यापक बन गईं. 

स्ट्रीट क्रिकेट खेलने की वजह से उनका रनअप सामान्य तेज़ गेंदबाज़ों के मुक़ाबले छोटा है. उनकी प्रोफ़ेशनल ट्रेनिंग नहीं हुई है, वो स्कूल स्तर पर ही क्रिकेट खेला करते थे और वहां से उन्हें मुंबई इंडियंस और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाज़ी करनी शुरू कर दी. 

मैंने अपनी पूरी क्रिकेट टीवी से सीखी है. आज भी मैं वीडियो देखता और फ़ीडबैक सुनता हूं… मैं ख़ुद को तैयार करता हूं, क्योंकि मैदान पर मेरे अलावा कोई और मेरी मदद करने के लिए मौजूद नहीं होगा.

जसप्रीत बुमराह पर भारत के पूर्व कोच जॉन राइट की नज़र सबसे पहले गई. साल 2013 में जॉन ने उन्हें एक घरेलू T20 मैच में मुंबई के ख़िलाफ़ गुजरात की ओर से खेलता देखा. तब बुमराह मात्र 18 साल के थे. इस मैच के बाद उन्हें IPL के लिए बुलाया गया. IPL के गेंदबाज़ी देख उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैच में भी मौका मिला और फिर जो हुआ वो इतिहास है.