अभिनव मुकुंद. टीम इंडिया के उभरते सितारे. वे जब 10 साल के थे तभी से क्रिकेट खेल रहे हैं और अपनी कड़ी मेहनत के चलते टेस्ट टीम में भी जगह बना चुके हैं. 

Indian Express

सोशल मीडिया के दौर में आज कई लोग सिर्फ़ लोग न होकर ट्रोल बन कर रह गए हैं. ये ट्रोल्स हर छोटे से बड़े मुद्दे पर अपनी अनचाही टिप्पणियां देते आए हैं और ऐसा ही कुछ अभिनव मुकुंद के साथ भी हुआ.

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इस तस्वीर के सामने आने के बाद अभिनव मुकुंद के रंग को लेकर मज़ाक बनाया गया, उन पर नस्लभेदी टिप्पणियां की गईं. उन्होंने अपने इस अपमान के बदले लोगों को एक संदेश पहुंचाने की कोशिश है. अपने इस संदेश को उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया है.

उन्होंने लिखा:

‘मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं. मैं लगातार प्रयासों और मेहनत के ज़रिए इस मुकाम पर पहुंचा हूं. क्रिकेट में अपने देश को इतने बड़े स्तर पर प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है. इस पोस्ट को मैं किसी की सहानुभूति और ध्यान खींचने के लिए नहीं लिख रहा हूं, बल्कि इस उम्मीद से कि नस्लवाद के मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं.

‘मैं 15 साल से देश और विदेश में घूम रहा हूँ. मेरे स्किन के रंग को लेकर लोगों की सनक मेरे लिए हमेशा एक पहेली रही है. जो क्रिकेट खेलता है, वही इसे समझेगा. क्रिकेट के लिए मैंने बचपन से धूप की परवाह किए बिना काफी मेहनत की है, जिसका मुझे कभी मलाल नहीं रहा कि मैं काला पड़ रहा हूं. वह इसलिए क्योंकि जो मैं करता हूं वो मुझे पसंद है और उसे पाने के लिए मैंने घंटों ग्राउंड में बिताए. मैं चेन्नई से आता हूं, जो शायद हमारे देश की सबसे गर्म जगह है और मैंने खुशी-खुशी अपनी उम्र का ज़्यादातर हिस्सा क्रिकेट मैदान पर गुज़ारा है’.

इस दौरान लोगों ने मुझे कई नामों से पुकारा, लेकिन मैं इन बातों की परवाह किए बिना आगे बढ़ता गया, क्योंकि मैं जानता था कि मेरी ज़िन्दगी का मकसद क्या है. आज मैं सिर्फ़ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अन्य कई लोगों के लिए बोल रहा हूं. सोशल मीडिया के आने से, यह बात काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है. लोग अक्सर गालियां देने लगते हैं, यह कुछ ऐसा है जिस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है. गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम नहीं होते. सच्चे बनो, ध्यान रखो, और अपने रंग-रूप को लेकर सहज रहो.’

गौरतलब है कि अभिनव से पहले फ़िल्म एक्टर अभय देओल भी फ़ेयरनेस क्रीम प्रमोट करने वाले बड़े सितारों के खिलाफ़ मोर्चा खोल चुके हैं. उम्मीद है लोग 27 वर्षीय अभिनव मुकुंद की बात को गंभीरता से लेंगे.