इस ख़ास टेस्ट मैच की शुरुआत इससे अच्छी नहीं हो सकती थी. जेम्स एंडरसन ने मैच की पहली ही गेंद पर साउथ अफ़्रीका के ओपनर डीन एल्कर को आउट कर दिया और ऐसा करने वाले वो इस दशक के पांचवे गेंदबाज़ बन गए. लेकिन ये मैच ख़ास क्यों था?
जेम्स एंडरसन पहले गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने 150 टेस्ट मैचों में खेला है. वो 9वें खिलाड़ी हैं, जिसने 150 से ज़्यादा मैचों में खेला है. अबतक सिर्फ़ बल्लेबाज़ ही थे जो ये कारनामा कर चुके थे, ऑलराउंडर में सिर्फ़ जैक कैलिस(166) ने ये उपलब्धि हासिल की है. सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर(200) के पास है.
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ये बात ख़ास इसलिए है क्योंकि आमतौर पर तेज़ गेंदबाज़ों का करियर इतना लंबा होता नहीं है. इंजरी और परफ़ॉर्मंस की वजह से बल्लेबाज़ों की तरह लंबा टेस्ट करियर नहीं बना पाते. इसके अलावा जेम्स एंडर्सन सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले भी तेज़ गेंदबाज़ हैं, उन्होंने अबतक 576 विकेट चटकाए हैं. उनके आगे केवल तीन स्पिनर मुथैया मुरलिधरन, शेनवॉर्न और अनिल कुंबले हैं.
एंडरसन ने टेस्ट मैचों में 2003 में ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ पर्दापण किया था. उनके करियर की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं हुई थी, बैक इंजरी की वजह से भी एक साल तक परेशान रहे. धीरे-धीरे उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी को बेहतर करते गए और कई बार विश्व के नंबर एक गेंदबाज़ भी बने.
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वो इंग्लैंड के इकलौते और विश्व के दूसरे गेंदबाज़ हैं जिन्होंने सिर्फ़ एक ग्राउंड के ऊपर 100 से ज़्यादा विकेट लिए हुए हैं. मुथैया मुरलिधरन ने श्रीलंका के तीन ग्राउंड पर 100 से ज़्यादा विकेट लिए है.
टेस्ट के अलावा एंडरसन वनडे में भी इंग्लैंड के सबसे ज़्यादा विकेट(269) लेने वाले गेंदबाज़ हैं. उन्होंने आखिरी वनडे मैच साल 2015 में खेला था.
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गेंदबाज़ी के कुछ ऐसे भी रिकॉर्ड उन्होंने अपने करियर में बनाए हैं, जो शायद ही कभी टूटे. वो अकेले तेज़ गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने अपनी ज़मीन पर 300 से ज़्यादा विकेट लिए हैं. उनके नाम सबसे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैचों(गेंदबाज़) में सबसे ज़्यादा गेंद फ़ेंकने का रिकॉर्ड भी है.
वैसे तो उनकी पहचान बल्लेबाज़ के तौर पर नहीं रही लेकिन कुछ रिकॉर्ड उस श्रेणी में भी है. टेस्ट मैच में सबसे ज़्यादा नॉट आउट रहने वाले खिलाड़ी हैं, वो 87 मौकों पर बिना अपना विकेट दिए पवेलियन लौटे हैं, साथ ही 10वें विकेट लिए जो रूट के साथ उन्होंने सबसे लंबी साझेदारी बनाने का भी रिकॉर्ड है.