अक्सर टेनिस खेल प्रेमियों के ज़ेहन में ये सवाल उठता रहता है कि क्या होगा अगर रॉज़र फ़ेडरर और सरेना विलियम की बीच मैच हो, कौन जीतेगा? दोनों की गिनती टेनिस के महानतम खिलाड़ियों में से होती है.

कुछ साल पहले पूर्व टेनिस खिलाड़ी John Mcnroe ने इस सवाल का जवाब दिया. जो लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया. Mcnroe ने कहा कि अगर सरेना विलियम्स 700वें रैंक वाले पुरुष टेनिस खिलाड़ी के ख़िलाफ़ भी मैच नहीं जीत पाएंगी.

मीडिया और सरेना के फ़ैन्स को ये बात पसंद तो नहीं आई, लेकिन John Mcnroe ने तथ्यों के आधार पर ही बयान दिया था. उन्होंने साल 1998 के एक मैच का हवाला दिया था.
1998 में जब विलियम्स बहनों का नाम चलना शुरू हुआ था. तब सरेना ने दावा किया था कि 200 रैंक के बाहर का कोई भी पुरुष खिलाड़ी उन्हें हरा नहीं सकता. ऑस्ट्रेलियन ओपने के दौरान उन्होंने जर्मनी के Karsten Braasch को चैलेंज किया, उनका रैंक 203 था.
ये टेनिस में पहली बार नहीं हो रहा था. इससे पहले भी दो मौकों पर महिला टेनिस खिलाड़ी पुरुष टेनिस खिलाड़ी के सामने कोर्ट पर उतर चुकी थीं. मीडिया में इस मैच को Battle Of Sexes कहा जाता है.

1998 में विलियम बहनों और Karsten Braasch के बीच जो मैच खेला गया था, वो कोई आधिकारिक मैच नहीं था और प्रति खिलाड़ी सिर्फ़ एक सेट का मैच हुआ था. दोनों बहनें मात्र 16-17 साल की हुआ करती थीं. सरेना विलियम्स की रैंकिंग टॉप 20 और वीनस विलियम्स टॉप 10 में थी.
पहला मैच सरेना के साथ खेला गया. Karsten को देख कर लग नहीं रहा था कि वो मैच खेलने के मूड में भी आए हैं और सरेना बिल्कुल संजीदगी के साथ खेलने को तैयार थीं. मैच का स्कोर रहा 6-1 और सरेना बुरी तरह हार गई.दूसरे मैच में Karsten ने वीनस को 6-2 से हरा दिया.

मैच के बाद सरेना ने कहा कि अगले साल वो और मेहनत करेंगी के कोर्ट पर उतरेंगी और अपना वज़न भी बढ़ाएंगी. वहीं Karsten का कहना था कि वो ऐसे ही खेलती रहीं तो किसी 500 रैंक वाले पुरुष खिलाड़ी को ज़रूर हरा सकती हैं, हालांकि मैं किसी 600 रैंक वाले खिलाड़ी जैसा खेल रहा था ताकि मैच में रोमांच बना रहे.