भारत ने दुनिया को एक से बढ़कर एक क्रिकेटर दिये हैं. पिछले 7 दशकों में देश के कई क्रिकेटर्स दुनियाभर में ख़ूब नाम कमा चुके हैं. इन खिलाड़ियों का देश की क्रिकेट में अहम योगदान भी रहा है. इनमें से कई क्रिकेटर तो ऐसे भी रहे हैं जिनकी दूसरी पीढ़ी भी देश के लिए क्रिकेट खेल चुकी है. इस दौरान कुछ अपने पिता की तरह सफल क्रिकेटर बने तो कुछ वो मुकाम हासिल नहीं कर सके जो उनके पिता ने हासिल किया था.   

तो चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से क्रिकेटर्स हैं जो अपने पिता की तरह ही भारत के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं-

1- लाला अमरनाथ – मोहिंदर अमरनाथ 

लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) अपने ज़माने में देश के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक थे. उन्होंने आज़ादी से पहले से ही भारत के लिए क्रिकेट खेलनी शुरू कर दी थी. हालांकि, वो देश के लिए 24 टेस्ट मैच ही खेल सके, जिसमें उन्होंने 878 रन बनाये और 45 विकेट भी झटके. लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर अमरनाथ (Mohinder Amarnath) 1983 वर्ल्ड कप के हीरो रहे हैं. ऑलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ अपने पिता से कहीं अधिक सफल रहे. उन्होंने भारत के लिए 69 टेस्ट मैचों में 4378 रन और 32 विकेट, जबकि 85 वनडे मैचों में 1,924 रन और 46 विकेट चटकाए.

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2- लाला अमरनाथ – सुरिंदर अमरनाथ  

लाला अमरनाथ के बड़े बेटे सुरिंदर अमरनाथ (Surinder Amarnath) ने 1970 के दशक में भारत के लिए डेब्यू किया था. सुरिंदर अमरनाथ ने 1976 से 1978 तक भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1 शतक और 3 अर्धशतकों की मदद से 550 रन बनाये. इसके अलावा 3 वनडे मैचों में उन्होंने 100 रन बनाये. सुरिंदर अमरनाथ अपने पिता लाला अमरनाथ और छोटे भाई मोहिंदर अमरनाथ की तरह सफल नहीं हो सके.

3- सुनील गावस्कर – रोहन गावस्कर  

वर्ल्ड क्रिकेट में सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का नाम ही काफ़ी है. गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार रन बनाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर थे. सुनील गावस्कर ने 1971–1987 तक क्रिकेट जगत पर एक-छत्र राज किया. उन्होंने भारत के लिए 125 टेस्ट मैचों में 34 शतकों की बदौलत 10,122 रन बनाये, जबकि 108 वनडे मैचों में 3,092 रन बनाये. सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर (Rohan Gavaskar) पिता की तरह सफल क्रिकेटर नहीं बन सके. वो भारत के लिए 11 वनडे मैचों में केवल 151 रन ही बना सके.

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4- योगराज सिंह – युवराज सिंह

योगराज सिंह (Yograj Singh) ने 1980 के दशक में भारत के लिए डेब्यू किया था, लेकिन वो देश के लिए केवल 1 टेस्ट मैच और 6 वनडे मैच ही खेल सके. इस दौरान वो केवल 16 रन ही बना सके. लेकिन योगराज सिंह के बेटे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का नाम दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में लिया जाता है. सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवी मैच जिताऊ खिलाड़ी हुआ करते थे. युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 1,900 रन और 10 विकेट, जबकि 304 वनडे मैचों में 8701 रन और 111 विकेट झटके. इसके अलावा 58 मैचों में 1,177 रन और 29 विकेट हासिल किये.

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5- रोज़र बिन्नी – स्टुअर्ट बिन्नी  

1983 वर्ल्ड कप के हीरो रहे ऑलराउंडर रोज़र बिन्नी (Roger Binny) भी अपने ज़माने के बेहतरीन क्रिकेटर हुआ करते थे. उन्होंने भारत के लिए 27 टेस्ट मैचों में 830 रन और 47 विकेट, जबकि 72 वनडे मैचों में 629 रन और 77 विकेट हासिल किये. रोज़र बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी (Stuart Binny) पिता की तरह सफल क्रिकेटर नहीं बन सके. स्टुअर्ट भारत के लिए 6 टेस्ट मैचों में केवल 194 रन और 3 विकेट, जबकि 14 वनडे मैचों में 230 रन और 20 विकेट ही हासिल कर सके.

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6- विजय मांजरेकर – संजय मांजरेकर 

विजय मांजरेकर (Vijay Manjrekar) आज भी तकनीक के मामले में भारत के सबसे बेहतरीन क्रिकेटरों में एक माने जाते हैं. विजय मांजरेकर टेस्ट क्रिकेट में बेहद सफ़ल रहे थे. उन्होंने 1951 से 1965 तक भारत के लिए 55 टेस्ट मैचों में 7 शतकों और 15 अर्धशतकों की मदद से 3,208 रन बनाये. विजय मांजरेकर के बेटे संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) भी अपने पिता की तरह ही एक सफल क्रिकेटर रहे. संजय ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचों में 2,043 रन बनाये, जबकि 74 वनडे मैचों में 1,994 रन बनाये.

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