15 अगस्त को भारत ने अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया और साथ ही भरतीय क्रिकेट के 2 दिग्गजों ने संन्यास ले लिया. धोनी के संन्यास की घोषणा करने के बाद, रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. 

रैना ने साल 2005 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में वन-डे डेब्यू किया था.अपने 13 साल के क्रिकेट करियर में रैना ने 322 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले और 7988 रन बनाये. 

सुरेश रैना टीम इंडिया का वो बल्लेबाज़ था, जो अपने दम पर पूरा मैच पलट देने की ताक़त रखता है. आइये जानते हैं रैना की ऐसी 10 पारियों के बारे में जब उन्होंने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया. 

1: नाबाद 81 रन, इंग्लैंड के ख़िलाफ़, 2006, फ़रीदाबाद 

2006 में इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था. दूसरे मैच में धीमे विकेट पर भारत 227 रन का पीछा कर रही थी. 21.4 ओवर में भारत का स्कोर 80-4 था. विकेट जल्दी गिरने के कारण टीम लड़खड़ा रही थी, मगर रैना की 81*(89) की बदौलत इंडिया ने ये मैच 4 विकेट से 6 गेंद बचे रहते ही जीत लिया. इस मैच में रैना मैन ऑफ़ द मैच बने. 

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2: 100 रन, इंग्लैंड के ख़िलाफ़, 2014, कार्डिफ़ 

इस मैच में पहले बैटिंग करने आयी भारत की टीम की शुरूआत अच्छी नहीं रही, भारत ने जल्दी जल्दी अपने 2 विकेट गंवा दिए थे और रन रेट भी कुछ ख़ास नहीं था. इंडिया को एक अच्छी साझेदारी की ज़रूरत थी. रैना और धोनी ने मिलकर कुछ रन तेज़ी से जोड़े. जहां धोनी 51 गेंदों में 52 रन बनाकर आउट हो गए, वहीं रैना 75 गेंदों में शतक जड़कर आउट हुए. रैना की इस पारी की बदौलत भारत का कुल स्कोर 304 रहा. जवाब में इंग्लैंड 161 रन बना कर ऑल आउट हो गयी. रैना ने इस मैच में 3 ओवर भी फेंके जिसमें 12 रन खर्च कर एक विकेट लिया. 

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3: 101 रन, साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़, 2010, सेंट लूशिया 

T20 वर्ल्ड कप के इस मैच में रैना ने साबित कर दिया था कि वो अपने दम पर मैदान में कुछ भी कर सकते हैं. जब रैना बैटिंग करने आये तब भारत का स्कोर 5.3 ओवर में 32-2 था. इस दिन रैना कुछ और ही मन बना कर आये थे. रैना ने 60 गेंद में ताबड़तोड़ 101 रन बनाये जिसमें 9 चौके और 5 छक्के शामिल थे. भारत का स्कोर 186 रहा. जवाब में साउथ अफ्रीका भी नज़दीक आ गयी थी, साउथ अफ्रीका ने 172 रन बनाये लेकिन रैना के शतक ने बड़ा अंतर कर दिया था. 

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4: 62 और नाबाद 41 रन, श्रीलंका के ख़िलाफ़, 2010, कोलंबो 

सुरेश रैना ने हर फॉर्मेट में कमाल दिखाया है, चाहे वो ODI हो, T20 या टेस्ट. वी.वी.एस. लक्ष्मण के साथ रैना की कई सारी साझेदारियां हैं. ऐसी ही कमाल की साझेदारी देखने को मिली थी 2010 में. अगस्त 2010 के इस टेस्ट मैच में श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए पहली पारी में 425 रन बनाये, जिसके जवाब में भारत ने बैटिंग करते हुए 4 विकेट 199 रन पर ही गंवा दिए. फिर मैदान में वी.वी.एस. लक्ष्मण और रैना की साझेदारी देखने को मिली. रैना ने 62 रन और लक्ष्मण ने 56 रन बनाये और पहली पारी में भारत ने 436 रन बनाये. 

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दूसरी पारी में श्रीलंका के 267 रन का जवाब देने उतरी भारतीय टीम फिर लड़खड़ा गयी. 171 में 5 विकेट खोने के बाद फिर लक्ष्मण और रैना ने मैच संभाला. लक्ष्मण ने 103* बनाये, वहीं रैना ने 41* बनाये. रैना ने इस मैच से साबित कर दिया कि वो धैर्य के साथ भी खेल सकते हैं. 

5: नाबाद 34 रन, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 2011, अहमदाबाद 

वर्ल्ड कप के इस क्वार्टर फाइनल मैच में 261 रनों को पीछा कर रही थी भारतीय टीम. धोनी के जल्दी आउट होने के बाद कोई टिक कर खेलने वाला चाहिए था क्योंकि एक छोर पर युवराज सिंह डटे हुए थे. ऐसे मुश्किल समय में रैना की 28 गेंद में खेली गयी 34* रन की पारी ने जीत पक्की कर दी. 

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6: नाबाद 36 रन, पाकिस्तान के ख़िलाफ़, 2011, मोहाली 

ऑस्ट्रेलिया से जीत छिनने के मात्र 6 दिनों बाद ही एक और मौका आया. मगर मौका उससे भी बड़ा था. ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वार्टर फाइनल था, तो पाकिस्तान के साथ सेमी फाइनल. जब रैना मैदान पर आये तो भारत का स्कोर 187-5 था और सचिन 85 रन बनाकर वापस गए थे. ऐसे में एक तेज़ पारी की ज़रूरत थी. रैना ने 39 गेंदों में नाबाद 36 रन बनाये. इन 36 रनों ने भारत की जीत में अहम् भूमिका निभायी. 

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7: नाबाद 110 रन, ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़, 2015, ऑक्लैण्ड 

रैना की सबसे अच्छी बात ये है कि वो किसी भी सिचुएशन को जल्दी से भांप कर उसमें ढल जाते हैं. इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है 2015 के वर्ल्ड कप में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ उनका प्रदर्शन. ज़िम्बाब्वे ने पहले बैटिंग करते हुए 287 रनों का लक्ष्य रख दिया था, जिसके जवाब में भारत का स्कोर 22.4 ओवर में 92-4 था. यहां से रैना और धोनी ने मिलकर साझेदारी की और भारत को जीत दिलाई. 

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8: नाबाद 116 रन, बांग्लादेश के ख़िलाफ़, 2008, कराची 

एशिया कप के इस मैच में बांग्लादेश ने 283 रन का लक्ष्य खड़ा कर दिया था. रैना की 107 गेंद में 116* रन की पारी ने पूरे मैच को एकतरफा कर दिया था. भारत ने ये मैच 7 विकेट से आसानी से जीत लिया. 

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9: नाबाद 49 रन, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 2016, सिडनी 

भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का ये T20 मैच था. इसमें ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 197 रन बनाये थे. इस मैच में जीतने के लिए आख़िरी गेंद में 2 रन चाहिए थे. रैना ने आख़िरी गेंद पर दनदनाते चौके से मैच अपने पाले में किया था. इस मैच में रैना ने 25 गेंदों में 49* रन बनाये थे. 

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10: नाबाद 71 रन, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, 2010, विशाखापट्टनम 

ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 50 ओवर के इस मैच में 289 रन बनाये थे. 290 का पीछा करते हुए कोहली 118 रन की पारी खेल कर वापस जा चुके थे. रैना को स्टेज मिल गया था. रैना ने ऑस्ट्रेलिया के बॉलर्स की धज्जी उड़ा कर रख दी. 47 गेंदों में 71 रन बनाकर रैना ने भारत को 5 विकेट से जीत दिलाई. 

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अलविदा चैंपियन!